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उरई, उप्र। रामजन्म न्यास के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व सांसद डॉ राम विलास दास वेदांती ने घोषणा की है कि तुलसी जयंती से हनुमान शक्ति जागरण में हनुमान चालीसा का पाठ और हनुमान महायज्ञ में हिंदू युवा शक्ति को खड़ा कर फिर से रामजन्म भूमि आंदोलन छेड़ा जाएगा। डॉ वेदांती सोमवार को जिला हमीरपुर के जरिया में भागवत कथा में भाग लेने जाते हुए कहा कि इस योजना पर काम करने से पहले जागरण अभियान शुरू किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि यह सिद्ध हो चुका है कि अयोध्या में स्थित विवादित ढांचा रामजन्म भूमि का खंडहर है। वहां से जो अवशेष मिले हैं वे मंदिर के हैं। डमरू के चिह्न, स्वास्तिक के चिह्न, हनुमान, गणेश की मूर्तियां मिली हैं। गर्भगृह में शिवजी का मंदिर है। डॉ वेदांती ने कहा कि कोर्ट ने जो फैसला सुरक्षित रखा है वह अब तक आ जाना चाहिए था लेकिन सरकार कोर्ट का फैसला नहीं आने देना चाहती है। उन्होंने आरोप लगाया कि सोनिया वोट के लालच में कुबेर टीला और शेषावतार के बीच रामलीला में बाबरी मस्जिद बनाना चाहती है लेकिन हिंदू समाज इसे स्वीकार नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि चौदह कोसी परिक्रमा के अंदर कानूनन कोई नई मस्जिद नहीं बन सकती है इसके साथ ही बाबर के नाम पर हिंदू समाज देश में कहीं मस्जिद नहीं बनने देगा इसके लिए उसे चाहे कुछ भी करना पड़े। हिंदू समाज ने आज तक किसी मस्जिद को नहीं तोड़ा है अयोध्या में जो खंडहर हटाया था वहां रामलला मंदिर का था, जिसे नवनिर्माण के लिए ढहाया गया था।
डा वेदांती ने राम जन्म भूमि पर भाजपा के इरादे बताते हुए कहा कि वह चाहती थी कि अयोध्या में मंदिर बने लेकिन सत्ता के लालच में वह घटक दलों को छोड़ना नहीं चाहती थी जो भाजपा के मंदिर बनाने की राह में बाधक थे। उन्होंने इसमें फारुक अब्दुल्ला, ममता बनर्जी, जार्ज फर्नांडीज, चंद्रबाबू नायडू, जयललिता, प्रकाश सिंह, ओमप्रकाश चौटाला, नीतिश कुमार आदि विभिन्न घटक दल की मर्जी न होना बताया। इनमें से कई अब भाजपा से अलग हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा को चाहिए कि वह सभी घटक दलों को छोड़कर हिंदुत्व पर घोषणा करे कि वह अपनी विचारधारा से समझौता नहीं करेगी। भाजपा ने अभी तक जिन भी दलों को बढ़ावा दिया है, वह आज उसे ही काट रहे हैं। उन्होंने बताया कि उन्होंने भाजपा को सलाह दी है कि जिस तरह नरेंद्र मोदी ने हिंदुत्व पर काम कर लगातार तीसरी बार जीत दर्ज की है उसे भी इसी राह को अपनाना पड़ेगा जिससे कि संपूर्ण हिंदू समाज उनके साथ खड़ा दिखाई दे।
डा वेदांती ने कहा कि सत्ता के लालच में कुछ सरकारों ने मुसलमानों को आरक्षण देने का काम शुरू कर दिया है जिसमें आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल शामिल है। अब उसी नक्शे कदम पर केंद्र सरकार भी चलने जा रही है। फांसी की सजा की पुष्टि होने के बाद भी अफजल को फांसी पर चढ़ाया न जाना एक बानगी मात्र है। पाकिस्तान का कोई मुसलमान भारत का नागरिक बन सकता है, वित्तमंत्री प्रणव मुखर्जी के इस बयान को डॉ राम विलास दास वेदांती ने दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि जब जम्मू-कश्मीर का कोई हिंदू देश में कहीं अन्य जगह शादी करता है तो उसकी वहां की नागरिकता समाप्त कर दी जाती है तो फिर यह संभव कैसे हो सकता है? पकड़े गए चित्रकूट के बाबा के बारे में उन्होंने कहा कि जो ऐसे कामों में संलिप्त होता है वह साधु, संत या महात्मा हो ही नहीं सकता।