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लखनऊ। मुख्यमंत्री मायावती की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में सरकारी अधिकारियों, कर्मचारियों की वार्षिक स्थानान्तरण नीति को मंजूरी दे दी गई। नई स्थानान्तरण नीति के अनुसार सत्र 2010-11 में किसी भी संवर्ग में किसी भी श्रेणी के कार्मिकों का स्थानान्तरण नहीं किया जाएगा। इस सम्बंध में मुख्य सचिव अतुल कुमार गुप्ता की ओर से समस्त प्रमुख सचिवों, सचिवों को भेजे गये शासनादेश में कहा गया है कि पदोन्नति, सेवा समाप्ति, सेवा निवृत्ति एवं न्यायालयों के आदेशों के प्रभाव से वांछित स्थितियों में स्थान रिक्त होने पर तैनाती की कार्यवाही विभागीय मंत्री के माध्यम से मुख्यमंत्री का अनुमोदन प्राप्त कर की जा सकेगी। अपरिहार्य परिस्थितियों में जैसे- चिकित्सा, बच्चों की शिक्षा, प्रशासनिक कारणों आदि के आधार पर आवश्यक स्थानांतरण विभागीय मंत्री के माध्यम से मुख्यमंत्री के अनुमोदन प्राप्त कर किये जा सकेंगे।
शासनादेश में कहा गया है कि इस स्थानान्तरण नीति के प्राविधान सार्वजनिक निगमों, उपक्रमों आदि पर पूरी तरह लागू होंगे। पुलिस विभाग की विशिष्ट परिस्थितियों को देखते हुए स्थानान्तरण नीति से पुलिस विभाग को मुक्त रखा गया है। अपरिहार्य परिस्थितियों में जिले के अन्दर एक स्थान से दूसरे स्थान और जिले के अन्दर एक कार्यालय से दूसरे कार्यालय में स्थानानतरण किये जा सकेंगे। इसके अलावा जनहित में मुख्यमंत्री द्वारा कभी भी किसी भी कार्मिक को स्थानान्तरित किये जाने के आदेश दिये जा सकते हैं। मुख्य सचिव ने स्थानान्तरण नीति सम्बंधी निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।