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जौनपुर, सुजानगंज। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय सचिव एवं सांसद वरूण गांधी ने कहा कि बीस रूपये के लिए प्रतापगढ़ के मनगढ़ आश्रम में हुई मौत हादसा नहीं बल्कि इस प्रदेश की गरीबी की हकीकत है। उन्होंने कहा कि उप्र की मूर्तिप्रेमी मुख्यमंत्री मायावती अपनी मूर्तियां लगवाने के लिए राजकोष खाली कर रही हैं लेकिन दंतेवाड़ा के नक्सली हमले में शहीद हुए उत्तर प्रदेश के जवानों की उनके अपने ही गांव में प्रतिमा लगाने के लिए वे आर्थिक सहयोग देने को लिखित रूप से इंकार करती हैं। वरूण ने कहा कि यदि भाजपा की सरकार आई तो नौजवानों को रोजगार के लिए दस लाख रूपये का ब्याज मुक्त कर्ज दिया जाएगा।
वरूण गांधी सुजानगंज जौनपुर में एक विशाल जनसभा को सम्बोधित कर रहे थे। भीषण गर्मी में उमड़ी भारी भीड़ को देख गदगद हुए वरूण गांधी ने मायावती सरकार पर संवेदनहीनता का आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य सरकार दंतेवाड़ा में शहीदों का अपमान कर रही है, मैं अभी तक दंतेवाड़ा में शहीद हुए सात जवानों के घर जा चुका हूं, बड़ी शर्म की बात है कि अब तक उनके परिजनों से मिलने राज्य सरकार का कोई प्रतिनिधि वहां नहीं गया। एक वीर शहीद की मां ने कहा कि हमें सरकार से मुआवजा नहीं चाहिए लेकिन देश के लिए जान देने वाले मेरे पुत्र की एक प्रतिमा गांव में लग जाए, जिसमें आने वाले खर्च को राज्य सरकार ने देने से लिखित रूप में मना कर दिया है, जबकि मायावती सरकार का खजाना मूर्ति निर्माण में ही खर्च हुआ है।
वरूण ने कहा कि प्रदेश के दो प्रमुख दल सपा और बसपा के मुखिया आय से अधिक सम्पत्ति के मामले में सीबीआई से जूझ रहे हैं, ऐसे में वे अपनी जान बचाएंगे या आपकी चिन्ता करेंगे? दोनो दल दोगली बातें करते हैं, एक तरफ लखनऊ में महंगाई के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए सरकारी सम्पत्ति जलवाते हैं, उसी दिन संसद में कांग्रेस के सामने घुटने भी टेक देते हैं। मायावती बतायें कि रोज तो कांग्रेस से उत्तर प्रदेश में लड़ाई ठाने हुए थीं तो उनकी कौन सी मजबूरी थी कि उन्होंने संसद में कांग्रेस को समर्थन दे दिया? उन्होंने कहा कि इस सरकार में किसान, नौजवान सभी परेशान हैं। जब तक उनके पेट खाली हैं तब तक इस देश में खुशहाली नहीं आ सकती। यदि केन्द्र में भाजपा की सरकार आई तो नौजवानों को ब्याज मुक्त दस लाख रूपये का कर्ज दिया जायेगा जिससे वे अपना व्यवसाय स्थापित कर सकें और तभी वे आत्मनिर्भर हो सकेंगे।
वरूण गांधी ने कहा कि जूता, कपड़ा बनाने वाले अपनी सामान की कीमत तय करते हैं लेकिन इस देश को भोजन देने वाले किसान की उपज की कीमत सरकारें तय करती हैं-यह नहीं चलेगा। उन्होंने कहा कि बड़ी-बड़ी बातें करने वाली केन्द्र सरकार ने अपने 6 साल के कार्यकाल में गंगा सफाई के नाम पर गंगा का तो कुछ नहीं किया लेकिन उसके नाम पर सरकारी खजाना जरूर साफ कर दिया। कानपुर में गंगा नदी की वीभत्स स्थिति पर उन्होंने मांग की कि केन्द्र सरकार खाली यही कर दे कि चमड़ा उद्योग से बहने वाला रक्त सीधे गंगा में न जाकर कहीं और गिरे तो बड़ा उपकार होगा। उन्होंने कार्यकर्ताओं का आह्वान किया वे प्रत्येक गांव में एक मंदिर स्थापित करें, पुराने मंदिरों का जीर्णोद्धार होना चाहिए। इससे भेदभाव मिटता है और आत्मबल बढ़ता है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री प्रदेश का विकास नहीं चाहतीं। इसीलिए जब केन्द्र में मुख्यमंत्रियों की बैठक हुई, तो अन्य प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों ने अपने-अपने राज्यों से गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों की संख्या 15 से 20 लाख बढ़वाई वहीं मायावती ने एक भी संख्या नहीं बढ़वाई। उन्होंने मुख्यमंत्री से प्रश्न किया कि क्या उत्तर प्रदेश अमीर हो गया है?
आम नागरिकों के स्वास्थ्य के प्रति भी प्रदेश सरकार संवेदनहीन है। जब भाजपा सांसदो ने प्रधानमंत्री से ब्लाक स्तर पर पांच मोबाईल एम्बूलेंस चलाने की योजना की मांग की तो उत्तर प्रदेश के सपा और बसपा सांसद यह कहते हुए मुकर गये कि बड़े बड़े अस्पताल बंद हो जायेंगे, नेता बड़े बड़ों के हाथ में खेलना बंद कर दें, क्रान्ति बड़े बड़ो से नहीं गरीबों के बीच से पैदा होती है। उन्होंने कहा कि देश एवं प्रदेश के विकास के लिये भाजपा के साथ आएं, भाजपा की सरकार बनवायें तभी रामराज्य स्थापित होगा। इसके पूर्व सभा को पूर्व प्रदेश अध्यक्ष केशरी नाथ त्रिपाठी, प्रदेश उपाध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित, प्रदेश महामंत्री डॉ महेन्द्र सिंह, विधायक सुरेन्द्र प्रताप सिंह, पूर्व सांसद बस्ती कल्पनाथ सोनकर आदि ने भी सम्बोधित किया। रैली में प्रदेश मीडिया प्रभारी नरेन्द्र सिंह राणा, प्रेस सचिव हीरो वाजपेयी भी उपस्थित थे।