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लखनऊ। राज्यसभा सदस्य, उत्तर प्रदेश के पूर्व महाधिवक्ता और समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता वीरेन्द्र भाटिया का दिल्ली में अपोलो अस्पताल में निधन हो गया। उनके निधन के समाचार से अधिवक्ताओं और उनके शुभचिंतकों मित्रों में शोक छा गया। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव, नेता विरोधी दल शिवपाल सिंह यादव एवं प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव ने राज्यसभा सदस्य एवं प्रदेश के पूर्व महाधिवक्ता वीरेन्द्र भाटिया के निधन पर गहरा शोक जताते हुए सपा के लिए अपूरणीय क्षति बताया है।
मुलायम सिंह यादव ने कहा कि उनके निधन से उन्हें गहरा धक्का लगा है। हमारे और उनके बीच घनिष्ट भावनात्मक संबंध थे और परस्पर सम्मान की भावना थी। संगठन या दूसरे मामलों में वे अपनी बेबाक राय देते थे किन्तु पार्टी के निर्णयों को बेहिचक मानते थे। समाजवादी पार्टी के प्रति उनकी ऐसी अनन्य निष्ठा थी कि 27 अप्रैल,2010 के आन्दोलन में अस्वस्थ होते हुए भी लखनऊ की पुलिस लाइन में प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव और गिरफ्तार समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बराबर बने रहे। उन्होंने कहा कि वीरेंद्र भाटिया परिश्रमी, योग्य एवं विद्वान अधिवक्ता होने के साथ अच्छे वक्ता भी थे। हर क्षेत्र में लोग उनका सम्मान करते थे। देश के अधिवक्ताओं में उन्हें आदर प्राप्त था।
उन्होंने कहा कि वीरेंद्र भाटिया समाजवादी विचारधारा के लिए प्रतिबद्व एवं निष्ठावान नेता थे। एक प्रखर अधिवक्ता के रूप में उनका बहुत सम्मान था। लखनऊ विश्वविद्यालय छात्रसंघ के नेता के रूप में उन्होने छात्रों एवं नौजवानों के लिए संघर्ष किया था और कई आंदोलनों में जेल भी गए। समाजवादी पार्टी को उनकी कमी बहुत खलेगी। वीरेन्द्र भाटिया के पूर्वान्ह अपोलों अस्पताल, नई दिल्ली में निधन का समाचार मिलते ही यहां शोक की लहर छा गई। समाजवादी पार्टी के राज्य मुख्यालय पर उनके शोक में पार्टी का झण्डा आधा झुका दिया गया। उनके तमाम मित्र एवं प्रशंसक अधिवक्ता, पार्टी कार्यकर्ता और अन्य क्षेत्रों के तमाम प्रतिष्ठित जनो ने वीरेंद्र भाटिया के निधन पर गहरा शोक जताया है। समाजवादी अधिवक्ता सभा के पदाधिकारी इस समाचार से स्तब्ध रह गए हैं। वीरेंद्र भाटिया समाजवादी पार्टी अधिवक्ता सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी थे।
वीरेंद्र भाटिया ने अपने छात्र जीवन से ही राजनीति में कदम रखा था। हाईकोर्ट में कुशलतापूर्वक वकालत करते हुए शीघ्र ही अपना विशिष्ट स्थान बना लिया था। वे हाईकोर्ट में बार के अध्यक्ष और प्रदेश के महाधिवक्ता भी रहे थे। वीरेंद्र भाटिया का जन्म 22 अप्रैल,1947 को सियालकोट (पाकिस्तान) में हुआ था। वे इधर काफी समय से बीमार चल रहे थे। उनके शोक संतप्त परिवार में उनकी पत्नी सरोज के अतिरिक्त बेटा गौरव भाटिया और एक बेटी है। गौरव भाटिया भी सुप्रीमकोर्ट में एडवोकेट हैं।