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नक्सली क्षेत्रों मे कम्युनिटी पुलिसिंग से बढ़ा विश्‍वास

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था बृजलाल ने सोनभद्र, चन्दौली और मिर्जापुर जिलों के नक्सल प्रभावित सुदूरस्थ इलाकों मे भ्रमण कर कम्युनिटी पुलिसिंग के कैम्पों मे भी भाग लिया। उन्होने इन कैम्पों मे स्थानीय लोगों से रू-ब-रू होकर उनकी समस्यओं आदि की जानकारी लेकर प्रशासन के प्रयासों से उन्हे अवगत कराया। बृजलाल ने अपने दौरे के पहले दिन सोनभद्र जिले की तीन चौकियों बसुहारी थाना कोन, चांचीकला थाना कोन तथा महुली थाना मांची चौकी का भ्रमण किया जहां पर पीएसी और सीआरपीएफ तैनात है। उन्होंने जवानों से बातचीत की। यहां पर पहले पेयजल की काफी समस्या थी जिसको दूर कर लिया गया है।
चौकी बसुहारी थाना कोन झारखण्ड और बिहार की सीमा पर है और सोन नदी की तलहटी में यह स्थापित की गयी है। यहां पर एक कम्पनी पीएसी तैनात है जो कमांडो कोर्स किये हैं। इस चौकी की स्थापना से नक्सलियों का बिहार और झारखंड से उत्तर प्रदेश में आना पूर्णतया बन्द हो जायेगा। वैसे भी बहुत दिनों से यहां नक्सलियों का आवागमन नहीं हुआ है। इस क्षेत्र के आदिवासी लोगों को बुलाया गया जिन्होंने बताया कि 2-3 वर्ष पहले यहां पर नक्सली खुलेआम घूमा करते थे, प्रताड़ित करते थे तथा यहां पर कैम्प लगाते थे।
बसुहारी में मेडिकल कैम्प भी लगाया गया तथा आदिवासियों को साड़ी, धोती तथा उनके बच्चों को कापी, किताबें, पेंसिल तथा खाद्यान्न वितरित किये गये। चौकी चांचीकला थाना कोन का नया भवन बनाया गया है जिसका उद्घाटन 26 मई को किया गया। यहां भी जनता के लोग काफी संख्या में एकत्रित हुये और उन्हें सम्बोधित किया गया तथा सामुदायिक पुलिसिंग के अन्तर्गत उन्हें खेलकूद का सामान तथा अन्य रोजमर्रा की सामग्री उपलब्ध करायी गयी। चौकी महुली थाना मांची भी नक्सल प्रभावित क्षेत्र में है। इस चौकी हेतु नया भवन बनाया गया है और मोर्चेबन्दी कर दी गयी है। यहां पर भी काफी लोग एकत्रित हुये जिन्हें सम्बोधित किया गया एवं आदिवासी लोगों को साड़ियां, धोती व बच्चों को पढ़ने-लिखने की सामग्री उपलब्ध करायी गयी।
अपर पुलिस महानिदेशक ने तीनों स्थानों के भ्रमण के बाद उसी दिन जनपद चन्दौली के चौकी अरवाटांड़ थाना अरवाटांड, थाना चकरघट्टा एवं थाना नौगढ़ का भ्रमण किया। चौकी अरवाटांड़ थाना अरवाटांड बिहार की सीमा पर है जहां से 500 मीटर की दूरी पर पहाड़ी और जंगली क्षेत्र प्रारम्भ हो जाता है। यह पूर्णतया नक्सल प्रभावित क्षेत्र है। इस कैम्प पर पीएसी और नागरिक पुलिस के जवान तैनात हैं। यहां पर भी सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया गया। थाना चकरघट्टा भी बिहार सीमा पर है और दूसरे सरकारी विभाग के भवन में चल रहा है। नये थाना भवन हेतु जमीन ले ली गयी है और शीघ्र ही निर्माण कराया जायेगा। यहां पर नागरिक पुलिस के साथ पीएसी तैनात है। सभी अधिकारियों और जवानों से बात की गयी और उन्हें सुरक्षा के सम्बन्ध में निर्देश दिये गये।
थाना नौगढ़ भी नक्सल प्रभावित क्षेत्र में स्थित है। यहां पर एक कम्पनी सीआरपीएफ तैनात है। थाना भवन की मोर्चेबन्दी की गयी है। वॉच टावर बनकर तैयार है। सीआरपीएफ कैम्प का भ्रमण किया गया। सीआरपीएफ के सेनानायक, सहायक सेनानायक और जवानों से बात की गयी। यहां भी जवान लांग रेंज पेट्रोलिंग रहे हैं। थाना नौगढ़ में चन्दौली पुलिस ने कम्युनिटी पुलिसिंग कैम्प लगाया जहां भारी संख्या में लोग उपस्थित हुये। गरीब व आदिवासी व्यक्तियों को यहां भी साड़ी, धोती, खाद्यान्न तथा बच्चों के पठन-पाठन की सामग्री उपलब्ध करायी गयी। इस क्षेत्र के ग्रामप्रधान और अन्य गणमान्य नागरिक भी उपस्थित हुये।
बृजलाल ने भ्रमण के दूसरे दिन सबसे पहले रेनुकूट से चौकी शेरवा थाना जमालपुर जनपद मिर्जापुर का भ्रमण किया। यहां पर भी लोगों में कैम्प में आने की होड़ लगी थी और मेले जैसा माहौल था। एक दर्जन डाक्टरों की टीम लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण कर रही थी जिसमें चाइल्ड स्पेशलिस्ट तथा आयुर्वेदिक डाक्टर भी उपस्थित थे। कैम्प में बहुत लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। आदिवासियों ने करमा डांस भी प्रस्तुत किया और उनके गीतों में नक्सलियों का विरोध किया गया। स्थानीय गायक मन्नू यादव तथा उनकी पार्टी ने लोकगीत के माध्यम से नक्सलियों का विरोध किया। इस कैम्प पर भी काफी मात्रा में खाद्यान्न, साड़ियां, बुजुर्ग व गरीब व्यक्तियों को छाते तथा बच्चों के लिये कापियां, पेंसिल, चाक, स्लेट आदि वितरित की गयी।
चौकी सक्तेशगढ़, थाना चुनार पर भी ऐसे ही कम्युनिटी पुलिसिंग का कैम्प आयोजित किया गया। मिर्जापुर के इन कैम्पों में नक्सलियों के विरोध में पोस्टर भी बनवाये गये थे जिसका ग्रामीणों पर बहुत ही अनुकूल प्रभाव पड़ा। मिर्जापुर पुलिस द्वारा नक्सली उन्मूलन के सम्बन्ध में एक कैलेण्डर तैयार किया गया है जिसमें फोटोग्राफ तथा नारों के माध्यम से पुलिस व जनता का आपसी सहयोग दिखाया गया है और नक्सलियों के बहकावे में न आने के सम्बन्ध में उत्प्रेरित किया गया है।
नक्सल प्रभावित तीनों जनपदों में कम्युनिटी पुलिसिंग की कार्यवाही जोर-शोर से चलायी जा रही है। केवल जनपद सोनभद्र में पिछले 8 महीनों में करीब 500 कुन्तल चावल एवं 200 से अधिक साइकिलें ग्रामीणों में वितरित की गयी हैं। सौ से अधिक बेरोजगार आदिवासी बच्चों को ड्राइविंग की ट्रेनिंग दिलाकर रोजगार उपलब्ध कराया गया है। आरक्षी भर्ती परीक्षा में जनपद सोनभद्र में 124 अभ्यर्थी लिखित परीक्षा के लिये योग्य पाये गये थे जिनके लिये सोनभ्रद में एक कैम्प आयोजित कर 15 दिन की कोचिंग दी गयी जिसका परिणाम यह रहा कि वहां से 28 अभ्यर्थी पुलिस के आरक्षी बन गये हैं। इस क्षेत्र में 100 से अधिक आदिवासी लड़कियों की शादी भी पुलिस प्रशासन ने करायी हैं। झारखण्ड, बिहार, छत्तीसगढ़ तथा मध्य प्रदेश की सीमा पर सशक्त चौकियां और सीआरपीएफ की पोस्टें स्थापित की गयी हैं जिससे नक्सली गतिविधियां एकदम बन्द हो गयी हैं। तीनों जनपदों के अधिकारियों से कहा गया है कि वे कम्युनिटी पुलिसिंग की कार्यवाही लगातार आगे बढाते रहें जिससे जनसेवा की जा सके तथा लोगों को नक्सलियों के बहकावे से बचाया जा सके।

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