स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
लखनऊ। भारत सरकार के सूचना प्रौद्यौगिकी मंत्रालय के तहत गठित साइबर अपीलेट ट्रिब्यूनल के चेयरपर्सन जस्टिस राजेश टण्डन ने साइबर क्राइम से जुड़े मामलों के प्रभावी निस्तारण के लिए लोगों में जागरूकता उत्पन्न किये जाने पर बल दिया है। उन्होंने कहा कि आज साइबर क्राइम के केस निरन्तर बढ़ रहे हैं, परन्तु जागरूकता के अभाव में इनके निस्तारण में दिक्कतें आ रही हैं। उन्होंने कहा कि साइबर क्राइम के वादों के प्रभावी निस्तारण के लिए विभिन्न राज्यों के आईटी एवं इलेक्ट्रानिक्स विभाग के प्रमुख सचिव को साइबर क्राइम के मामलों के लिए एड्ज्यूकेटिंग अधिकारी नियुक्त किया गया है। उत्तर प्रदेश में चार जनपदों लखनऊ, गौतमबुद्धनगर, आगरा और वाराणसी में साईबर क्राइम ब्यूरो की स्थापना की जाएगी।
राजेश टण्डन बापू भवन के सभागार में आयोजित एक बैठक में प्रदेश में साइबर क्राइम की रोकथाम के सम्बंध में अब तक हुई प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अभी तक मात्र 26 मुकदमें ही दर्ज हो पाए हैं जिसका मुख्य कारण साइबर क्राइम के प्रति लोगों का जागरूक न होना ही प्रतीत होता है। इन 26 मुकदमों में 12 मुकदमों में ही चार्ज-शीट दाखिल हुई है। इनमें 7 मुकदमों में ही अभी तक अन्तिम रिपोर्ट लग सकी है तथा 7 मुकदमें अभी तक विचाराधीन हैं।
जस्टिस टण्डन ने कहा कि प्रमुख सचिव आईटी, सिविल कोर्ट की हैसियत से कार्य करेंगे एवं दर्ज होने वाली शिकायतों पर सम्बन्धित पक्षों को नोटिस देकर प्रकरण की सुनवाई करेंगे और दोष सिद्ध होने पर प्रभावित व्यक्ति को क्षतिपूर्ति भी दिलाएंगे। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति जो साईबर क्राइम से प्रभावित/पीड़ित हो, प्रमुख सचिव, आईटी एवं इलेक्ट्रानिक्स के कार्यालय में अपनी शिकायत दर्ज करा सकेंगे। राज्य सरकारों से प्रमुख सचिव, आईटी एवं इलेक्ट्रानिक्स को कोर्ट के रूप में कार्य करने हेतु आवश्यक इन्फ्रास्ट्रक्चर और सुविधाएं उपलब्ध कराने को भी कहा जाएगा, ताकि साईबर क्राइम से सम्बन्धित शिकायतों का तत्काल निस्तारण हो सके।
जस्टिस टण्डन ने बताया कि उत्तर प्रदेश में चार जनपदों में साईबर क्राइम ब्यूरो की स्थापना की जाएगी। इसमें पुलिस विभाग के ऐसे कर्मचारियों को रखा जायेगा, जिन्हें साईबर क्राइम से सम्बन्धित टेक्नालॉजी की पूर्ण जानकारी हो। इससे साइबर अपराधों की वैज्ञानिक ढंग से विवेचना करके इनका त्वरित निस्तारण किया जा सकेगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि उत्तर प्रदेश का सूचना प्रौद्यौगिकी विभाग इस दिशा में त्वरित कार्यवाही करेगा। बैठक में प्रमुख सचिव सूचना प्रोद्यौगिकी चन्द्र प्रकाश, सचिव गृह दीपक कुमार सहित न्याय एवं पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।