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सोनभद्र, उप्र। सोनभद्र जिले के थाना पन्नूगंज क्षेत्र के रामगढ़ बाजार में औद्योगिक संस्थानों, स्वयं सेवी संस्थाओं, प्रतिष्ठित नागरिकों और व्यापारियों के सहयोग से विभिन्न जातियों-अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ी जाति धैयकार, पनिका, केवट, मूसहर, घसिया, बारी, चेरौं, कलवार, दुसाध, अहीर, कुशवाहा, गौड, मल्लाह, कोल, बिन्द, तुरिया आदि के 101 जोड़ों का सामूहिक विवाह कराया गया। वर्ष 2002 में नक्सली बुल्लू पठारी उर्फ बिहारी निवासी कन्हौरा, थाना चोपन, जनपद सोनभद्र ने असलहे सहित आत्मसमर्पण किया था, कम्युनिटी पुलिसिंग के तहत इस नक्सली की बहन सविता का विवाह गुड्डू पुत्र श्रीराम, निवासी गुरमा, थाना चोपन के साथ सम्पन्न कराया गया। इसमें डा प्रीतिन्दर सिंह, पुलिस अधीक्षक, सोनभद्र ने कन्यादान किया।
विवाह समारोह में बारातियों का भव्य स्वागत किया गया, जिसमें पुलिस अधीक्षक, सोनभद्र डा प्रीतिन्दर सिंह ने परंपरागत तरीके से कन्यादान किया। पुलिस नक्सल प्रभावित इलाकों में लोगो का विश्वास जीतने के लिए इस प्रकार के कार्यक्रम आयोजित कर रही है और इसके सुपरिणाम भी सामने आ रहे हैं। पुलिस अधिकारियों की इस सोच और कार्य योजना को आम जनता में समर्थन मिल रहा है। पुलिस ने और भी ऐसे कार्य अपने हाथ में ले रखे हैं जिनमें गरीब परिवारों की कपड़ा भोजन इत्यादि की मदद शामिल है। स्थानीय लोगों का कहना है कि आम जनता में पुलिस को लेकर खौफ में कमी आई है। इस अवसर पर लगभग 10 हजार व्यक्तियों के खान-पान की व्यवस्था की गयी थी। सभी विवाहित जोड़ों को समस्त दैनिक उपभोग की सामग्री साइकिल, बर्तन सेट, कूकर, बक्सा, पर्स, कलस, कम्बल, लालटेन, कुर्ता पायजामा, दीवाल घड़ी टार्च, सिंगार सेट, साड़ियों के तीन तीन सेट, चुनरी, जेवरात सभी चांदी के (पायल, अंगूठी, बिछिया, मंगल सूत्र, झुमका) उपलब्ध कराए गए।
इस समारोह मे स्थानीय गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति तो थी ही पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी और प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद थे। सभी विवाहित जोड़ों के लिये समाज कल्याण विभाग से देय शादी के अनुदान हेतु आवेदन भी कराया जा रहा है। यह भी उल्लेखनीय है कि नक्सल प्रभावित जनपदों चंदौली, सोनभद्र एवं मीरजापुर का 26 और 27 मई को अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था बृजलाल ने भ्रमण कर कम्युनिटी पुलिसिंग के माध्यम से गरीब नवयुवकों, वृद्धों, विकलांगों और बच्चों को उनकी आवश्यकता से सम्बन्धित सामग्री वितरित करायी थी। नक्सली गतिविधियों से जुड़े लोगों को समाज की मुख्य धारा में लाने के लिये कई योजनाएं-शिक्षा का प्रचार प्रसार, खेलकूल, ड्राइविंग लाइसेंस, पुलिस ट्रेनिंग, बीमार व्यक्तियों का उपचार आदि जैसे अनेक कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं।
प्रदेश के नक्सल प्रभावित इलाकों में पुलिस के वैलफेयर कार्यक्रम ऐसे समय पर चल रहे हैं जब देश के कुछ इलाकों में नक्सलियों ने नरसंहार किए हैं और इनकी धमक इन क्षेत्रों तक पहुंची है। अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था बृजलाल के सीधे पर्यवेक्षण में चल रहे इन कार्यक्रमों में पुलिस के जवान और अधिकारी जिस प्रकार के व्यवहार का प्रदर्शन कर रहे हैं उसी व्यवहार की राज्य के और क्षेत्रों में भी अपेक्षा की जा रही है। पुलिस ने नक्सली इलाकों में सद्भाव और विश्वास कायम करके नक्सलियों को भी समाज की मुख्यधारा में लौटने का संदेश दिया है। जानकारी मिली है कि कुछ नक्सली पुलिस के इस अभियान से जुड़ रहे हैं। यहां यह उल्लेखनीय है कि इस क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या गरीबी है जिससे परेशान युवाओं ने नक्सली मार्ग अख्तियार किया हुआ है। शुरू में पुलिस का इन पर दमनात्मक रवैया रहा है लेकिन पुलिस ने इस समस्या पर अपनी रणनीति को पूरी तरह से बदला है जिसका सकारात्मक प्रभाव नज़र आ रहा है। सोनभद्र के पुलिस अधीक्षक की कन्यादान की पहल ने स्थानीय समाज में एक विश्वास का तो काम किया ही है।