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लखनऊ। मुख्य आयकर आयुक्त लखनऊ एमके मीरानी ने स्रोत पर कर कटौती से संबंधित आयकर नियम,1962 में, केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के महत्वपूर्ण संशोधनों पर प्रकाश डालते हुए बताया है कि बोर्ड ने फार्म संख्या 26AS में कर जमा विवरण को आनलाइन देखने की सुविधा करदाताओं को प्रदान की है, जिसके माध्यम से करदाता काटे गये/जमा किये गये अपने कर को देख सकते हैं और उसकी सही गणना कर सकते हैं। इस सुविधा से करदाता स्रोत पर कर कटौती(टीडीएस), स्रोत पर कर संग्रह (टीसीएस), अग्रिम कर एवं अन्य भुगतान और आयकर प्रदाय को वे देख सकते हैं। आयकर विभाग फार्म संख्या 26AS के आधार पर जमा किये गये कर को क्रेडिट दे रहा है। अब टीडीएस प्रमाण पत्र जमा करने की कोई आवश्यकता नहीं है, यह करदाता के हित में होगा कि वे यह सुनिश्चित करें कि फार्म संख्या 26AS में विस्तृत विवरण भरा जाए। फार्म संख्या 26AS को आनलाइन देखने के लिए करदाता http://www.tin-nsdl.com पर पंजीकरण करा सकते हैं।
मुख्य आयकर आयुक्त ने स्रोत पर कर कटौती करने वाले का टैन और कर दाता का पैन टीडीएस की तिमाही विवरणी और चालान में उद्धृत करने की आवश्यकता पर बल दिया जिससे कि करदाता की आयकर विवरणी की प्रोसेसिंग करते समय करदाता या उसकी ओर से अदा किये गये कुल कर की सही गणना हो सके और उसे अदा किये गये कर का क्रेडिट दिया जा सके। उन्होने सूचित किया कि मुख्य आयकर आयुक्त(सीसीए) लखनऊ रीजन में 31 मार्च,2010 तक कुल 73792 टैन जारी किये जा चुके हैं और वित्त वर्ष 2009-10 के लिए टीडीएस संग्रह 2380.50 करोड़ रूपये किया गया है। वित्त वर्ष 2008-09 में यह राशि 2003.6 करोड़ रूपये थी।
उन्होंने कहा कि ऐसा पाया गया है कि कर कटौती करने वाले अधिकारी द्वारा करदाता के पैन को गलत उद्धृत करने या टीडीएस विवरणी के फाइल न करने के कारण करदाताओं के द्वारा जमा किया गया कर उन करदाताओं के खाते में क्रेडिट नहीं हो पाता जिनकी ओर से यह कर कटौती की गयी थी। वित्त वर्ष 2008-09 में यह राशि 214.26 करोड़ थी जो सस्पेंस खाते में पड़ी रही। ऐसे करदाताओं के सही पैन के साथ सही टीडीएस विवरण दाखिल करने के लिए विभाग ने सस्पेंस एकाउंट क्लीन अप अभियान चलाया है। फार्म नंबर 26AS को आन लाइन देख पाने की सुविधा से अब करदाता यह सुनिश्चित कर सकेंगे कि उनकी तरफ से काटा गया कर या उनका दिया कर उनके एकाउंट में सही ढंग से प्रविष्ट कर दिया गया है। किसी भी प्रकार की विसंगति की स्थिति में या भुगतान किये गये कर और दिखाई जा रही भुगतान राशि में यदि कोई अंतर मिलता है तो करदाता एक समयबद्ध सीमा में संशोधनात्मक कार्यवाई सुनिश्चित करने के लिए बैंक या कर कटौती करने वाले अधिकारी से सम्पर्क कर सकता है और उसे अपना सही पैन सूचित कर सकता है।
मुख्य आयकर आयुक्त ने कर निर्धारण अधिकारियों के संशोधित क्षेत्राधिकार पर भी चर्चा की, जिसे एक जून से डाक विभाग के पिन कोड के आधार पर कर दिया गया है। करदाताओं को सलाह दी गई है कि वे अपनी विवरणी सही क्षेत्राधिकार में जमा करें। इस संबंध में विस्तृत जानकारी आयकर विभाग की वेबसाइटhttp://www.incometaxindia.gov.in से प्राप्त की जा सकती है। करदाताओं की सुविधा के लिए पंकज सचान, जनसम्पर्क अधिकारी से संपर्क करने को कहा गया है और करदाता उनसे व्यक्तिगत रूप से या मोबाईल नंबर 09452969470 पर संपर्क करके अपनी समस्या का समाधान कर सकते हैं।