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जौनपुर, उप्र। जौनपुर के सीजेएम मोहम्मद अशरफ अंसारी ने पुलिस को उत्तर प्रदेश सरकार के उन पांच मंत्रियों के खिलाफ भी धार्मिक भावनाएं आहत करने का मुकद्मा दर्ज कर विवेचना करने का आदेश दिया है जिनके नाम उस कथित पत्रिका अंबेडकर टुडे में विशेष संरक्षक के रूप में दर्ज हैं। पत्रिका के संपादक सहित नौ के विरूद्ध हिंदू धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप है।
जौनपुर के उर्दू बाज़ार निवासी राधेश्याम वर्मा ने सीजेएम कोर्ट में एक याचिका दाखिल करते हुए आरोप लगाया था कि अंबेडकर टुडे पत्रिका के विशेष संरक्षकों, संपादक एवं अन्य लोगों की मिलीभगत से पत्रिका के मई के अंक में हिंदुओं के धार्मिक ग्रंथों देवताओं, मंदिरों को अपमानित करने की दृष्टि से लेख छापा गया है। लेख में ईश्वर को दुखी, लाचार और मिथ्यावादी, क्रूर, कपटी और रामायण को जातिवाद पोषक चिंतन की जहरीली पोथी, ज्योतिष को गणित विद्या का कलंक, वैदिक युग को पशुयुग और ब्राह्मण को धर्म का स्वयंभू ठेकेदार कहा गया है। सीजेएम ने इसे अत्यंत गंभीरता से लेते हुए इस पत्रिका में विशेष संरक्षक के रूप में उल्लेखित प्रदेश सरकार के मंत्रियों स्वामी प्रसाद मौर्य, बाबू सिंह कुशवाहा, पारसनाथ मौर्य, नसीमुद्दीन सिद्दीकी और दद्धू प्रसाद एवं संपादक प्रकाशक मुद्रक राजीव रतन, सुषमा राणा, अशोक आनंद, अश्विनी कुमार शाक्य के खिलाफ जौनपुर कोतवाली में मुकद्मा दर्ज कर विवेचना के आदेश दिए हैं।
ध्यान रहे कि यह पत्रिका देवी-देवताओं और धर्मग्रंथों के विरूद्ध विषवमन करती रही है। मई के अंक में छपी सामग्री को लेकर भारी विवाद हो चुका है और विवाद आगे बढ़ने पर मायावती सरकार ने इस पत्रिका का रजिस्ट्रेशन एवं शीर्षक निरस्त करने की कार्रवाई भी की थी।