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नई दिल्ली। विश्व हिन्दू परिषद के अन्तर्राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक सिंहल ने कहा है कि संतों का यह मानना है कि श्रीराम जन्मभूमि मामले का अन्तिम समाधान संसदीय कानून से ही होगा और इसलिए संतों की उच्चाधिकार समिति ने भारत के लाखों मन्दिरों में हनुमान चालीसा लोक जागरण का एक विराट कार्यक्रम 'हनुमत शक्ति जागरण' 4 माह की अवधि के लिए रखा है जिसमें हर व्यक्ति संकल्प लेगा कि संसदीय कानून से श्रीराम जन्मभूमि हिन्दू समाज को प्राप्त हो। श्रीराम जन्मभूमि वाद का निर्णय साठ वर्ष की प्रतीक्षा के बाद अगले माह सितम्बर में सुनाया जाएगा, ऐसा समाचार विभिन्न समाचार पत्रों के माध्यम से लगातार प्राप्त हो रहा है।सिंघल का कहना है कि संतों को इसका आभास वर्ष के आरम्भ में ही हो गया था। संतों ने यह भी निर्णय किया है कि जन्मभूमि पर कुछ भी निर्णय आए हमें इस सात्विक अनुष्ठान में किसी भी प्रकार की ढील नहीं आने देनी है, क्योंकि इस अनुष्ठान से जहां श्रीराम जन्मभूमि संसदीय कानून से हिन्दू समाज को प्राप्त होगी, वहीं देश में शान्ति भी बनी रहेगी।संतों की उच्चाधिकार समिति ने यह स्पष्ट प्रस्ताव किया है कि संतों के नेतृत्व में चलने वाला यह सात्विक आन्दोलन करोड़ों हिन्दुओं की आस्था का विषय है, इसे कोई भी वोट का विषय न बनाए। सन्त समाज ने आग्रह किया है कि सभी राजनीतिक दल दलगत राजनीति से ऊपर उठकर इसका समर्थन करें और एकमत से संसद में कानून बनाकर श्रीराम जन्मभूमि हिन्दू समाज को सौंप दें। सन्त समाज ने घोषणा की है कि श्रीराम जन्मभूमि हिन्दू समाज के लिए सम्पत्ति नहीं अपितु रामलला के समान जन्मभूमि भी देवता है और इस रूप में पूज्य है, इसी स्थान के लिए लाखों भक्तों ने बलिदान दिया है। मन्दिर के जिस प्रारुप के लिए करोड़ो हिन्दुओं ने सवा रूपया अर्पित किया है, करोड़ों घरों में जिसके चित्र लगे हैं, उसी प्रारुप का श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर बनेगा। श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर के लिए जिन पत्थरों की नक्काशी की गई है, जो अयोध्या कार्यशाला में सुरक्षित रखे हैं, हजारों लोग नित्य जिनके दर्शन करते हैं, उन्हीं पत्थरों से जन्मभूमि मन्दिर का निर्माण होगा। विश्व हिंदु परिषद के प्रवक्ता प्रकाश शर्मा ने एक बयान जारी करके बताया है कि सन्त समाज की घोषणा है कि अयोध्या की सांस्कृतिक सीमा में किसी मस्जिद का निर्माण नहीं होने देंगे और विदेशी बर्बर आक्रान्ता बाबर के नाम से सारे हिन्दुस्तान में कोई भी मस्जिद नहीं बनने दी जाएगी।