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शिमला। हिमाचल प्रदेश में पिछले कई दिनों से हो रही भारी बारिश और भूस्खलन के कारण सेब के व्यापार पर बुरा असर पड़ा है। सड़कों की हालत खराब हो गई है, इस वजह से सेब की ढुलाई बुरी तरह प्रभावित हुई है। कोटखाई शहर के प्रमुख सेब उत्पादक संजय चौहान ने बताया कि ऊपरी शिमला के विभिन्न हिस्सों में सेब से लदे हजारों ट्रक फंसे हुए हैं। पिछले दो दिन में भूस्खलन की वजह से खासकर जुबाल, रोहर, कोटखाई चोपर इलाकों में सेब के व्यापार पर खासा असर पड़ा है। सड़कों की खराब हालत का इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कोटखाई और शिमला के बीच 72 किलोमीटर दूरी 12 घंटों में हो पा रही है। खराब मौसम और परिवहन समस्या के कारण सेब सड़ने लगे हैं।
लोक निर्माण विभाग के मंत्री गुलाब सिंह ठाकुर ने बताया कि भारी बारिश की वजह से सड़कें और पुल क्षतिग्रस्त हो गए हैं। एक अनुमान के मुताबिक राज्य में 31 अगस्त तक 332 करोड़ रूपये का नुकसान हो चुका है। बागवानी विभाग के अधिकारियों ने बताया कि अभी 75 लाख से अधिक बक्से सेब बाहर भेजा जाना है। बाजारों में अभी तक कुल 2.80 करोड़ बक्से सेब भेजा जा चुका है। मौसम कार्यालय के निदेशक मनमोहन सिंह ने बताया कि पिछले वर्ष की तुलना में इस साल राज्य में ज्यादा बारिश हुई है। एक जून से 14 सितम्बर के बीच 816.6 मिली मीटर बारिश हुई है जो कि सामान्य बारिश 741.1 मिली मीटर से 10 फीसदी अधिक है। राज्य में 12 मे से नौ जिलों की मुख्य फसल सेब है जोकि यहां की अर्थव्यवस्था को व्यवस्थित रखती है। यहां से देश के विभिन्न इलाकों में 90 फीसदी सेब की आपूर्ति होती है। राज्य में सेब का व्यापार 1,500 करोड़ रूपये तक होने का अनुमान है।