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लखनऊ। अखिल भारत हिन्दू महासभा ने कहा है कि अयोध्या में एक इंच भी भूमि छोड़ने का सवाल ही नहीं है, इसके लिये महासभा सर्वोच्च न्यायालय में अपील करने का पूरी तरह से मन बना चुकी है, इसलिये इस मामले में सुलह समझौते की कोई गुंजाईश ही नहीं रह गयी है। महासभा ने निर्मोही अखाड़े को मन्दिर निर्माण के लिये सम्पूर्ण भूमि और पूजा का अधिकार दिये जाने का समर्थन किया है और इस बाबत अयोध्या में महासभा का प्रतिनिधि मण्डल, निर्मोही अखाड़े के भाष्कर दास से मिलकर उन्हें अपना सहयोग और समर्थन देने से अवगत भी करा चुका है।महासभा के महासचिव मनीष महाजन ने कहा है कि अयोध्या में चल रही सुलह-समझौते की कवायद में मुस्लिम पक्ष को रत्ती भर भी लाभ देने की बात उठती है तो उस सुलह का कोई मतलब नहीं रह जाता है क्योंकि हिन्दू महासभा शुरू से ही वहां राम मन्दिर के निर्माण के लिये सम्पूर्ण भूमि पर न्यायालय में अपना दावा रखता रहा है। महासभा ने सुन्नी वक्फ बोर्ड को दी गयी एक तिहाई भूमि को वापस लेने के लिये सर्वोच्च न्यायालय में अपील करने की तैयारी कर ली है, इसलिये अयोध्या में अन्य हिन्दू संगठनों के प्रतिनिधियों, साधू-संतों एवं मुस्लिम पक्षकारों के बीच अक्सर सामने आ रही सुलह-समझौते की बातों का कोई मतलब नहीं रह जाता है, इसलिये अन्य हिन्दू पक्षकार वाकई में अयोध्या में भगवान राम का भव्य मन्दिर निर्माण चाहते हैं तो मुस्लिम पक्षकारों से समझौते की बात करना छोड़ दें, यही बेहतर होगा।