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कांग्रेस राहुल को राष्ट्रवाद सिखाए-बीजेपी

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लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि कांग्रेस अपने युवराज राहुल गांधी को राष्ट्रवादी संगठन और राष्ट्रद्रोही संगठन के अन्तर की परिभाषा को समझाए। संघ अपने स्थापना के समय से राष्ट्रीयता और देशभक्ति की भावना से ओत-प्रोत संगठन है जिससे प्रेरणा लेकर करोड़ों नव युवक देश सेवा और विश्व शांति में जुटे हुये हैं। यह दुर्भाग्य है कि कांग्रेस महासचिव मानसिक रूप से इतने अपरिपक्व और अज्ञानी हैं कि वे संघ और सिमी के फर्क को नहीं समझ पा रहे हैं। सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस के संरक्षण और समर्थन से ऐसी सरकार चल रही है जिसका मुख्यमंत्री कहता है कि कश्मीर का भारत में पूर्ण विलय नहीं हुआ है। उमर अब्दुल्ला के इस राष्ट्रद्रोही बयान के लिये पूरे तौर पर कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराते हुये कहा कि उमर अब्दुल्ला अलगावादियों की भाषा बोल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सिमी आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त एक प्रतिबंधित संगठन है। इसके अध्यक्ष पर 2002 में बहराइच में राष्ट्रद्रोह का मुकदमा लगा था और महासचिव पर आईएसआई के साथ संबंध होने का महाराष्ट्र सरकार ने आरोप लगाया था, जबकि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का अपना एक राष्ट्रवादी इतिहास है। अपनी स्थापना वर्ष 1925 से संघ के लिए राष्ट्रीय एकता अखण्डता और राष्ट्रीयता सर्वोपरि रही है। सन् 1947,1948, 1962,1965 और 1971 में विभिन्न मौकों पर जब देश संकट आया तो आरएसएस के स्वयं सेवकों ने पूरी लगन और निष्ठा के साथ राष्ट्रकार्य में अपना सहयोग प्रदान किया। सन् 1965 में तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने भी राष्ट्र के प्रति संघ की निष्ठा और कार्यो की प्रशंसा की थी।
भाजपाध्यक्ष ने कहा कि राहुल को देश के इतिहास एवं संघ के संदर्भ में अपनी जानकारी को बढ़ाना चाहिए। उनकी टिप्पणी ओछी और अपरिपक्व मानसिकता का परिणाम है। कांग्रेस लगातार मुस्लिम वोट के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाती रही है। देश में कश्मीर के हालात भी कांग्रेस के नीतियों और धारा 370 के कारण बिगड़े हैं। उमर का यह कहना कि कश्मीर का भारत में पूर्ण विलय नहीं हुआ है इसके लिए कांग्रेस जवाबदेह है। सूर्यप्रताप शाही ने उमर अब्दुल्ला के राष्ट्रघाती बयान के लिये मुख्यमंत्री पद से बर्खास्त करने की मांग की है, उन्होंने कहा कि अब जबकि परवेज मुशर्रफ ने खुद स्वीकार किया है कि पाकिस्तान आतंकवादियों को प्रशिक्षित कर भारत में आतंकवादी गतिविधियों को तेज कर रहा है तो फिर केन्द्र सरकार, कश्मीर में अलगाववादियों के साथ नरमी क्यों बरत रही है। कांग्रेस शुरू से ही वोट बैंक की राजनीति करती रही है, जिसकी वजह से देश में आतंकवाद और अलगाववाद पैदा हुआ है। कांग्रेस देशद्रोही ताकतों को मजबूत करने और राष्ट्रवादी ताकतों को कमजोर करने से बाज आए।
भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकताओं ने भी विधान भवन के सामने राहुल गांधी का पुतला फूंककर विरोध प्रर्दशन किया। युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष हरीश द्विवेदी के आह्वान पर युवा मोर्चा के कार्यकर्ता प्रदेश कार्यालय में एकत्र हुये और जुलूस की शक्ल में विधान भवन के सामने पहुंचकर राहुल गांधी का पुतला फूंका। कार्यक्रम में लखनऊ विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व महामंत्री शिवभूषण सिंह, प्रत्यूश मणि त्रिपाठी, पार्षद गौरव भाटिया राहुल मिश्रा निखिलेश सिहं राघवेन्द्र तिवारी, रिंकू सोनकर, जितेन्द्र सिंह, अभिनव अस्थाना, हिमांशु गुप्ता और भावना सिंह सहित सैकड़ो कार्यकर्ता उपस्थित थे।
भाजपा प्रवक्ता विजय पाठक ने कहा है कि जिस संगठन को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, सरदार बल्लभ भाई पटेल, डॉ राममनोहर लोहिया जैसी विभूतियों ने उसकी कार्यपद्धति के कारण सराहा हो उस संगठन पर सवालिया निशान खड़ा करने का मकसद साफ है कि आपको यहां कि भू-सांस्कृतिक अवधारणा का ज्ञान नही है। संघ को जानने के लिए संघ के समीप आना होगा और तपस्वी समर्पित एवं कठोर परिश्रमी जीवन राष्ट्र सेवा के लिए जीना होगा। उससे संबंधित पुस्तकों का अध्ययन करना होगा। भारतीय जनता पार्टी की ओर से राहुल गांधी को एक पुस्तक भेजी जा रही है जिसे पढ़ने के बाद ही संघ के बारे में अपने विचार व्यक्त करें।
ज्ञातव्य है कि राहुल गांधी ने भोपाल में अल्पसंख्यक युवाओं के एक कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की तुलना देश द्रोही संगठन सिमी से की है। पाठक का कहना है कि यह उनका विचार हो सकता है क्योंकि वे भी उसी कांग्रेसी बीज से उत्पन्न हैं जिसने सत्ता प्राप्ती के लिए देश का बंटवारा किया और वोट को हासिल करने के लिए कई बार देश की अस्मिता के साथ धोखा किया है। देश भली भांति जान रहा है कि उन्होंने यह बयान वोट को ध्यान में रखकर ही दिया है क्योंकि इस समय बिहार में विधान सभा और उत्तर प्रदेश में पंचायत के चुनाव हो रहे हैं। इस बयान में जो वोट नीति छिपी है वह घोर निन्दनीय है। राष्ट्र भक्तों का अपमान है। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ पर कोई भी गलत टिप्पणी मतलब साफ है, भारत की सनातन उदार संस्कृति की राहुल गांधी को तनिक भी बुनियादी समझ नहीं है। उन्हें सरदार बल्लभ भाई पटेल के उस वाक्य पर ध्यान देना चाहिए जिसमें उन्होंने कहा है कि किसी पर आक्षेप लगाने के पहले उसके सभी आयामों पर गौर करना चाहिए।

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