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अफगानिस्तान में शांति परिषद का गठन

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वाशिंगटन। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करजई ने कहा है कि तालिबानी आतंकवादी उन बच्चों की तरह हैं जो परिवार से दूर चले जाते हैं। उनको घर लाने और भटकने से रोकने के लिए उनके साथ अनौपचारिक बातचीत की जा रही है। करजई ने कहा कि शांति परिषद के गठन से तालिबान के साथ आधिकारिक तौर पर और अधिक सशक्त ढंग से’ बातचीत करने में मदद मिलेगी। समाचार चैनल सीएनएन से साक्षात्कार के दौरान उन्होंने कहा कि हम तालिबान से देश के नागरिकों की तरह की बातचीत कर रहे हैं।
करजई ने कहा कि तालिबान के साथ नियमित या किसी आधिकारिक वार्ता स्थल पर बातचीत नहीं हो रही है लेकिन कुछ समय से अनौपचारिक बातचीत जरूर जारी है। पूर्व राष्ट्रपति बुरहानुद्दीन रब्बानी की अध्यक्षता में हाई पीस काउंसिल’ का गठन किया गया है जिसे तालिबान के साथ बातचीत को आगे बढ़ाने का दायित्व सौंपा गया है। वे चाहते हैं कि ऐसे तालिबानी स्वदेश लौट आएं जो अफगानी हैं और अफगानी धरती की संतान हैं और जो विभिन्न कारणों और अफगानिस्तान के हालात की वजह से हिंसा की राह पर चल पड़े हैं।
करजई का कहना है कि वे उन बच्चों की तरह हैं जो घर से भाग जाते हैं और परिवार उन्हें वापस लाने का प्रयास करता है। परिवार को उन्हें वापस लाने की कोशिश करनी चाहिए और उन्हें बेहतर अनुशासन देते हुए समाज और परिवार में वापस लाना चाहिए। पूर्व राष्ट्रपति रब्बानी ने इसी भावना से शांति परिषद का दारोमदार संभाला है। उन्होंने कहा कि अफगान सरकार अलकायदा जैसे संगठन से बातचीत नहीं करेगी। जो लोग अलकायदा और अन्य आतंकवादी संगठनों से जुडे़ हैं, जिनकी विचारधारा हमारे खिलाफ है या जो अफगानिस्तान के विरोध में काम कर रहे हैं हम उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे।

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