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कोयंबत्तूर। युग मानस के संपादक एवं कोयंबत्तूर नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति के सदस्य-सचिव डॉ सी जयशंकर बाबु पांडिच्चेरी विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में सहायक प्रोफ़ेसर के पद नियुक्त किए गए हैं। उन्होंने अपना पदभार ग्रहण भी कर लिया है। सी जयशंकर बाबु पिछले छह साल से कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के कोयंबत्तूर स्थित क्षेत्रीय कार्यालय में सहायक निदेशक (राजभाषा) के पद पर कार्यरत थे। इस पद पर रहते हुए उन्होंने कंप्यूटर में हिंदी प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए विशेष योगदान दिया है।कोयंबत्तूर नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति के सदस्य-सचिव के रूप में अपनी सेवाएं उपलब्ध कराते हुए इन्होंने राजभाषा साधन के नाम से एक सीडी बनाकर सभी सदस्य-कार्यालयों, सरकारी उपक्रमों एवं बैंकों में निःशुल्क वितरित की है। कंप्यूटर पर भाषाई संसाधन और यूनिकोड पर पांच सौ से अधिक कार्यशालाओं के माध्यम से दक्षिण भारत के चारों राज्यों आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु एवं केरल में दस हजार से अधिक लोगों को भारतीय भाषाओं में कंप्यूटिंग पर प्रशिक्षण दिया है। इनके प्रशिक्षण में शामिल अधिकारी-कर्मचारी हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं में कंप्यूटर पर आसानी से ई-मेल भेज पा रहे हैं जिससे भारत सरकार की राजभाषा नीति के कार्यान्वयन में काफ़ी बढ़ावा मिला है। इनकी कक्षाओं में प्रशिक्षित कंप्यूटर प्रयोगकर्ताओं में भाषाई कंप्यूटिंग और यूनिकोड के प्रयोग की चेतना बढ़ गई है।सी जयशंकर बाबू सरकारी अधिकारियों के अलावा विभिन्न कालेजों छात्रों एवं पत्रकारों को भी कंप्यूटर पर भाषाई कंप्यूटिंग का विशेष प्रशिक्षण दिया है। डॉ बाबु बहुभाषाई ब्लागर भी हैं, इनके बारह भाषाओं के ब्लाग हैं। इनके माध्यम से वे नवलेखकों को साहित्य लेखन की प्रेरणा देने के साथ-साथ भाषाई कंप्यूटिंग के प्रति रुचि जगा रहे हैं। इनके संपादन में शीघ्र ही हिंदी का दक्षिणायन शीर्षक से एक शोधपरक रचना संकलन प्रकाशित होने जा रहा है। दक्षिण भारत में हिंदी की अलख जगाने की दिशा में ड़ॉ बाबु निरंतर प्रयत्नशील हैं।