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नयी दिल्ली। वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी को एशिया का सबसे बेहतर वित्त मंत्री माना गया है। विश्व बैंक और अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष के दैनिक पत्र 'इमर्जिंग मार्केट' ने प्रणव मुखर्जी को वर्ष 2010 के लिए 'एशियाई वित्त मंत्रियों में सबसे श्रेष्ठ वित्त मंत्री' के पुरस्कार से नवाजा है। इस पुरस्कार के लिए एशियाई देशों की सरकारों के अलावा वहां की निजी कंपनियों के बैंकों, निवेशकों और आर्थिक विशेषज्ञों की सम्मिलित राय से नाम भेजे गए थे। पुरस्कार के लिए मुखर्जी का चयन उनकी आर्थिक नीतियों के कारण किया गया है जिसमें ईंधन की कीमतें तय करने की प्रक्रिया में सुधार जैसी बातें शामिल हैं।उधर अगस्त महीने में देश की औद्योगिक गतिविधियों में आयी भारी गिरावट पर वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने गंभीर चिंता जताते हुए इसे 'निरूत्साहित करने वाली' खबर बताया है। सरकार की ओर से आज जारी आकंडों में अगस्त महीने में देश का औद्योगिक उत्पादन सूचकांक पांच प्रतिशत की गिरावट के साथ 5.6 प्रतिशत के स्तर पर सिमट गया जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि में यह 10.6 प्रतिशत के स्तर पर था। विनिर्माण क्षेत्र में सर्वाधिक गिराटव दर्ज हुयी है, इसके अलावा खनन और उर्जा क्षेत्र की गतिविधियों में भी कमी आयी है। वित्त सचिव अशोक चावला ने कहा है कि औद्योगिक गतिविधियों में आयी यह गिरावट असामान्य नहीं है, बरसात के मौसम में यूं भी उत्पादन क्षेत्र में मंदी रहती है। दूसरी ओर आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है कि औद्योगिक उत्पादन में आयी इस गिरावट से एशिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यव्स्था भारत की आर्थिक विकास दर चालू वित्त वर्ष में 8.5 प्रतिशत के स्तर पर रहने की उम्मीदों पर असर पड़ सकता है।