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कॉमनवेल्थ के कचरे से बहुपयोगी वस्तुएं

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नयी दिल्ली। राष्ट्रमंडल खेलों के आयोजन के बाद उसके कचरे से कुछ जागरुक पर्यावरणविद जरुरत की वस्तुएं तैयार करने में जुटे हुये है। इतने बड़े आयोजन में परित्यक्त चीजों से वे रोजमर्रा की वस्तुओं जैसे हस्त निर्मित बैग, छाते और आधुनिक चप्पलें बना रहे हैं। दिल्ली में स्वंयसेवी समूह के साथ काम कर रहे ऑस्ट्रेलियन पर्यावरण कार्यकर्ता लिज फ्रैंजमैन इन खेलों के दौरान इस्तेमाल किये गये सामान का नवीनीकरण कर, जो कि अब कचरे की शक्ल ले चुका है रोजमर्रा की चीजों का निर्माण करने में जुटे हुये है।
फ्रैंजमैन ने कहा कि हम उम्मीद कर रहे है कि खेल का आयोजन जनता को पर्यावरण के बारे में नया नजरिया प्रदान करेगा और वे पर्यावरण के बारे में और ज्यादा जागरुक होंगे। नवीनीकरण का मतलब यह है कि हम कचरे की शक्ल ले चुकी वस्तुओं को कीमती और उपयोग में आने वाली वस्तुओं में तब्दील कर दें। यह पुर्ननिर्माण रिसायकिलिंग की प्रक्रिया से उल्टा है, जिसमें वस्तुओं की कीमत बाद में कम हो जाती है।
फ्रैंजमैन की भारत की यात्रा की शुरुआत तब हुयी, जब वे तीन साल पहले दिल्ली प्रोद्यौगिकी संस्थान में आयोजित सेमिनार में कंजर्व इंडिया संस्था को चलाने वाली अनीता आहूजा से मिले। उसके बाद वे इस संस्थान के साथ मिलकर राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान पैदा हुये अवशिष्ट पदार्थों का नवीनीकरण करने की पायलट योजना पर काम कर रहे हैं। खेलों के शुरु होने के एक सप्ताह पहले ही उन्होंने यह सुनिश्चित कर लिया था कि वे इन खेलों में इस्तेमाल होने वाले प्रचार साम्रगी के तौर पर बड़े बैनरों को कीमती डिजायनर बैग में तब्दील करेंगे। फ्रैंजमैन इससे पहले इस तरह का काम बीजिंग ओलंपिक और दक्षिण अफ्रीका में हुए फ़ीफ़ा वर्ल्ड कप में कर चुके हैं।

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