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लखनऊ। मुख्यमंत्री मायावती ने पुलिस लाइन में आयोजित पुलिस स्मृति दिवस पर कर्तव्यपालन के दौरान शहीद हुए पुलिस कर्मियों को भावभीनी श्रद्धांजलि दी और घोषणा की कि 1 अप्रैल, 2005 से अंशदायी पेंशन योजना लागू होने के बाद नियुक्त पुलिस कर्मचारी की कर्तव्यपालन में मृत्यु होने पर उसके परिवार को असाधारण पेंशन का लाभ दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने ड्यूटी के दौरान दिवंगत हुए पुलिस कर्मियों के आश्रितों को 305 उपनिरीक्षक के पद पर, 516 आरक्षी के पद पर और 267 चतुर्थ श्रेणी के पद पर नियुक्तियां प्रदान कीं। शहीद हुए 14 पुलिस कर्मियों के आश्रितों को 43 लाख रूपये की अनुग्रह धनराशि भी प्रदान की गई है। पेंशन के 7124 मामलों को भी प्राथमिकता के आधार पर निस्तारित कराया गया है। पुलिस विभाग में कार्यरत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को राजकीय अवकाश उपभोग न कर पाने के एवज में प्रत्येक वित्तीय वर्ष में एक माह के वेतन के बराबर अतिरिक्त वेतन दिये जाने की स्वीकृति भी प्रदान की गयी है।मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने पुलिस बल के सदस्यों के लिए बनायी गयी 'कल्याण निधि' के अन्तर्गत 1.50 करोड़ रूपये से अधिक धनराशि का अनुदान उपलब्ध कराया है। चिकित्सा प्रतिपूर्ति के मद में प्रदेश के 825 पुलिस कर्मियों को 6.84 करोड़ रूपये से अधिक की धनराशि दी गयी है। इसके अलावा पुलिस कर्मियों को आर्थिक सहायता प्रदान किये जाने हेतु सुख-सुविधा निधि के अन्तर्गत जनपदों एवं इकाइयों को 2 करोड़ से अधिक का अनुदान आवंटित किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता को अन्यायमुक्त, अपराधमुक्त, भयमुक्त, भ्रष्टाचारमुक्त और विकासयुक्त वातावरण देने का संकल्प लिया है। कानून का राज स्थापित करने की उनकी सरकार की पहली प्राथमिकता है। वर्ष 2007-08 में पुलिस के लिए उपलब्ध बजट 3525 करोड़ रुपये में दो गुना से भी ज्यादा वृद्धि करते हुए वर्तमान वित्तीय वर्ष 2010-11 में 7444 करोड़ रुपये उपलब्ध कराये गये हैं।मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस बल ने गत वर्ष 57 कुख्यात अपराधियों को मुठभेड़ में मार गिराया, जिसमें 1 लाख रुपये के पुरस्कार घोषित 3 अपराधी और 10 हजार या उससे अधिक धनराशि के पुरस्कार घोषित 54 अपराधी थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश पुलिस ने कुख्यात माफियाओं के विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही करते हुए उनकी 195 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध सम्पत्ति कुर्क की है। इस वर्ष अनुसूचित जाति/जनजाति के विरूद्ध हुए अपराधों में 25 प्रतिशत की कमी आयी है। इसी प्रकार महिलाओं के विरूद्ध हुए अपराधों जैसे बलात्कार में 15 प्रतिशत एवं दहेज के लिए हत्या में भी कमी आयी है।पुलिस महानिदेशक करमवीर सिंह ने भी शहीदों को अपने श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश के शहीद पुलिस जनों में 12 उपनिरीक्षक, 1 एसआई(एम)/आशुलिपिक, 1 गुल्मनायक, 1 एएसआई(एम), 6 मुख्य आरक्षी, 1 फायर सर्विस चालक, 6 आरक्षी चालक और 71 आरक्षी हैं। इस अवसर पर मंत्रिमण्डलीय सचिव शशांक शेखर सिंह, मुख्य सचिव अतुल कुमार गुप्ता, अतिरिक्त मंत्रिमण्डलीय सचिव नेत राम, प्रमुख सचिव गृह कुंवर फतेहबहादुर सहित अनेक वरिष्ठ पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।