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नई दिल्ली। विज्ञान भवन में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री डा सीपी जोशी की अध्यक्षता में आयोजित राज्यों के स्वच्छता प्रभारी मंत्रियों के राष्ट्रीय सम्मेलन में प्रतिभाग करते हुए उत्तराखंड के पेयजल मंत्री श्रीप्रकाश पंत ने प्राकृतिक आपदाओं के कारण क्षतिग्रस्त हुई स्वच्छता सुविधाओं के पुनर्निर्माण के लिए सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान के अंतर्गत क्षतिपूर्ति धनराशि का प्राविधान किए जाने की मांग की। पंत ने कहा कि उत्तराखंड में प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में आने वाले पर्यटकों व श्रद्धालुओं के लिए बनाए जाने वाले सामुदायिक स्वच्छता कॉम्पलैक्सों के निर्माण के लिए भी प्राविधान किया जाना चाहिए।उत्तराखंड की विशेष परिस्थितियों का जिक्र करते हुए पेयजल मंत्री ने कहा कि राज्य के कुछ क्षेत्रों में मौसमी प्रवास करने वाले परिवारों के लिए शौचालयों की वैकल्पिक व्यवस्था किए जाने के लिए भारत सरकार स्तर पर अतिरिक्त धनराशि की व्यवस्था की जाए। राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों के कारण जनसंख्या का बिखराव अधिक है। इसलिए यहां तरल व ठोस अपशिष्ट प्रबंधन में प्राविधानित धनराशि को सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान के 10 फीसदी से बढ़ाकर 25 फीसदी किये जाने की आवश्यकता है।उन्होंने कहा कि निर्धनता रेखा के समीप के एपीएल परिवारों के लिए भी सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान में प्रोत्साहन धनराशि की व्यवस्था की जाए। आईसीडीएस के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थापना शौचालययुक्त भवनों में किया जाना अनिवार्य किया जाए। शौचालय निर्माण के लिए केंद्र सरकार द्वारा दिए जाने वाले अंश में बढ़ोतरी की जाए। उत्तराखंड में सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान में किए जा रहे कार्यों से अवगत कराते हुए पेयजल मंत्री ने बताया कि सितम्बर 2010 तक राज्य में कुल 4,94,298 व्यक्तिगत घरेलु शौचालय, 2570 विद्यालय शौचालय और 299 आंगनबाड़ी केंद्रों में शौचालय बनाए जा चके हैं। अटल आदर्श ग्राम योजना के तहत वर्ष 2011 तक न्याय पंचायत मुख्यालय के गांवों को शौचालय सुविधाओं से आच्छादित कर दिया जाएगा। सम्मेलन में उत्तराखंड की ओर से श्रीप्रकाश पंत के साथ सचिव पेयजल उत्पल कुमार सिंह, निदेशक स्वजल कपिल लाल व सीडीएस स्वजल आरएस भण्डारी भी मौजूद थे।