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जम्मू। जम्मू-कश्मीर नेशनल पैंथर्स पार्टी के चेयरमैन एवं राष्ट्रीय एकता परिषद के सदस्य प्रो भीम सिंह ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से जम्मू-कश्मीर के वार्ताकारों को वापस बुलाने की मांग की है। उन्होंने प्रधानमंत्री से कहा कि वे उन तीन 'मसखरों' को वापस बुला लें, जिन्हें जम्मू-कश्मीर के वार्ताकार के रूप में भेजा गया है। पैंथर्स पार्टी के अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री को लिखे अपने पत्र में बताया है कि इन वार्ताकारों का वहां कोई काम नहीं है, इससे अच्छा तो उन्हें मंत्रालय में रखा जाए।पैंथर्स अध्यक्ष ने वार्ताकारों के वक्तव्य में तीन बातों पर जोरदार विरोध प्रकट किया। पहली-वार्ताकारों ने कश्मीर को 'विवादित' क्षेत्र बताया जो पैंथर्स अध्यक्ष के अनुसार एक निराधार, राष्ट्रविरोधी और भारत की निश्चित नीति के विरुद्ध है। राष्ट्रसंघ की महासभा में श्रीकृष्णा मेनन ने पाकिस्तान को दिये ऐतिहासिक जवाब में इस नीति का उल्लेख किया था। दूसरे, वार्ताकारों ने पाकिस्तान को उनके एजेंडों में शामिल करने की जोरदार वकालत की है, जो पैंथर्स अध्यक्ष के ख्याल से अत्यन्त अवांछनीय और वार्ताकारों के लिए नियत आचार संहिता का उल्लंघन है। तीसरे, वार्ताकारों का नया प्रस्ताव डिक्सन प्लान से भी ज्यादा खतरनाक है, जो कि वे 'आजादी' शब्द को जम्मू-कश्मीर के सम्बंध में भारत के संविधान में लाना चाहते हैं।प्रो भीमसिंह ने कहा कि चार कार्यदलों की सिफारिशों को तजुर्बाकारों की राय समझना चाहिए और पांचवें कार्यदल का पुनर्गठन किया जाना चाहिए। उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि गुस्साए कश्मीरी नेता तमाम सूबे के अवाम की भलाई के लिए अपनी राष्ट्रविरोधी गतिविधियों को बंद कर राष्ट्रीय मुख्यधारा में शामिल होंगे।