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देहरादून। मुख्यमंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने वन विभाग को रामनगर-कोटद्वार मोटर मार्ग के सर्वे का प्रस्ताव राष्ट्रीय वन्य जीव बोर्ड की आगामी बैठक में रखने के निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि इस मोटर मार्ग का निर्माण प्रदेश की सामाजिक आर्थिक व्यवस्था के लिए अत्यधिक आवश्यक है, इस मोटर मार्ग के बन जाने से प्रदेशवासियों को उत्तर प्रदेश की सीमा में जाए बिना गढ़वाल से कुमाऊं जाने की सुविधा मिलेगी।मुख्यमंत्री ने यह निर्देश सचिवालय में टाईगर समन्वय समिति के सदस्यों और वन विभाग के आला-अधिकारियों की बैठक के दौरान दिये। टाईगर समन्वय समिति के सदस्य बिजेन्द्र सिंह और राजेश गोपाल ने मुख्यमंत्री से सचिवालय में मुलाकात की। राजेश गोपाल प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में गठित राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) के सदस्य सचिव भी हैं। इस अवसर पर अपर प्रमुख वन संरक्षक श्रीकान्त चन्दोला और अपर सचिव वन सुशांत पटनायक भी उपस्थित थे।समिति के सदस्यों से मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री ने वन विभाग को सोना नदी वन्य जीव विहार के स्थानीय गुर्जरों के विस्थापन का प्रस्ताव भी शीघ्र लाने के निर्देश दिये। समिति के सदस्यों ने बताया कि भारत सरकार में गुर्जरों के विस्थापन के लिए प्रति परिवार 10 लाख रुपये दिये जाने का प्रावधान है। समिति के सदस्यों ने मुख्यमंत्री को बताया कि नेशनल कार्बेट पार्क और राजाजी पार्क के बीच में लैंसडाउन वन प्रभाग को भी वन्य जीव परिरक्षण संगठन के अन्तर्गत लाया जाए, जिससे भविष्य में मानव और वन्य जीव विशेषतः हाथी, के बीच संघर्ष को टाला जा सकेगा। मुख्यमंत्री ने वन विभाग को इस प्रस्ताव का सम्यक परीक्षण करने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने टाईगर प्रोटेक्शन फोर्स के गठन संबन्धित नियमावली को शीघ्र अन्तिम रूप देने के निर्देश भी दिये। उन्होंने ऋषिकेश स्थित चौरासी कुटिया क्षेत्र में आयुष ग्राम के साथ ही वन्य जीव इंटरप्रिटेशन सेंटर खोलने का प्रस्ताव लाने के भी निर्देश दिये।