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भोपाल। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय, भोपाल की महापरिषद की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। महापरिषद के अध्यक्ष और प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुयी इस बैठक का सबसे बड़ा फैसला हुआ मीडिया के लिए एक आचार संहिता बनाने का। इसके तहत विश्वविद्यालय मीडिया और जनसंचार क्षेत्र के विशेषज्ञों के सहयोग से तीन माह में एक आचार संहिता का निर्माण करेगा और उसे मीडिया जगत के लिए प्रस्तुत करेगा। पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो बीके कुठियाला के कार्यकाल की यह पहली बैठक है, जिसमें विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय स्वरूप देने के लिए महापरिषद ने अपनी सहमति दी और कहा है कि इसे मीडिया, आईटी और शोध के राष्ट्रीय केंद्र के रूप में विकसित किया जाए।विश्वविद्यालय में शोध और अनुसंधान के कार्यों को बढ़ावा देने के लिए संचार शोध विभाग की स्थापना की गयी है। जिसके लिए प्रोफेसर देवेश किशोर की संचार शोध विभाग में दो वर्ष के लिये प्रोफेसर के पद पर नियुक्ति का फैसला लिया गया है। इस विभाग में मौलिक शोध व व्यवहारिक शोध के कई प्रोजेक्ट डॉ देवेश के मार्गदर्शन में चलेंगें। प्रोफेसर नंदकिशोर त्रिखा की दो वर्ष के लिये सीनियर प्रोफेसर पद पर नियुक्ति की गयी है। अगले दो वर्ष में डॉ त्रिखा के मार्गदर्शन में मीडिया की पाठ्यपुस्तकें हिन्दी व अंग्रेजी में लिखी जाएंगी। इस काम को अंजाम देने के लिए विश्वविद्यालय में अलग से पुस्तक लेखन विभाग की स्थापना होगी। इसी तरह विश्वविद्यालय में प्रकाशन विभाग की स्थापना की गयी है, जिसमें प्रभारी के रूप में वरिष्ठ पत्रकार एवं पीपुल्स समाचार के पूर्व स्थानीय संपादक राधवेंद्र सिंह की नियुक्ति की गयी है, विभाग में सौरभ मालवीय को प्रकाशन अधिकारी बनाया गया है।अल्पकालीन प्रशिक्षण विभाग की स्थापना की गयी है, जिसके तहत प्रसार भारती बोर्ड के सेवानिवृत्त अतिरिक्त महानिदेशक, रामजी त्रिपाठी, की दो वर्ष के लिये प्रोफेसर के पद पर अल्पकालीन प्रशिक्षण विभाग में नियुक्ति की गयी है। त्रिपाठी जिला और निचले स्तर के मीडिया कर्मियों, प्रशासन में कार्यरत मीडिया कर्मियो और वरिष्ठ मीडिया कर्मियों के लिये प्रशिक्षण एवं कार्यशालाओं का आयोजन करेंगे। इसी तरह आशीष जोशी मुख्य संवाददाता आजतक की इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभाग में प्रोफेसर के पद पर नियुक्ति की गयी है। आशीष जोशी, भोपाल परिसर में टेलीविजन प्रसारण विभाग में कार्यरत रहेंगे। टास्क कर्मचारियों को दीपावली का तोहफा दिया गया है। विश्वविद्यालय में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी लगभग 85 कर्मचारियों के वेतन में 25 प्रतिशत वृद्धि करने का फैसला किया गया है।इसी तरह शिक्षकों के लिए ग्रीष्मकालीन व शीतकालीन अवकाश की व्यवस्था भी एक बड़ा फैसला है। अब तक विश्वविद्यालय में जाड़े और गर्मी की छुट्टी नहीं होती थी। आपात स्थिति के लिये 10 करोड़ रूपये का कार्पस फंड बनाया गया है, जिसमें हर वर्ष वृद्धि होगी। शिक्षक कल्याण कोष की स्थापना भी की गयी है। इसके अलावा चार प्रोफेसर, आठ रीडर और आठ लेक्चरार (कुल 20) अतिरिक्त शैक्षणिक पदों का अनुमोदन किया गया, जिस पर विश्वविद्यालय नियमानुसार नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करेगा। विश्वविद्यालय के लिये भोपाल में 50 एकड़ भूमि पर ‘ग्रीन’ व ‘स्मार्ट’ परिसर बनाने के कार्यक्रम की शुरूआत की जाएगी। भवन निर्माण शाखा की स्थापना भी की गयी है। आगामी दो वर्षों में टेलीविजन कार्यक्रम निर्माण, नवीन मीडिया, पर्यावरण संवाद, स्पेशल इफैक्ट्स व एनीमेशन में श्रेष्ठ सुविधाओं का निर्माण के लिए यह परिसर एक बड़े केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके साथ ही आगामी पांच वर्षों में आध्यात्मिक संचार , गेमिंग, स्पेशल इफैक्ट्स, एनीमेशन प्रकृति से संवाद के क्षेत्रों में अंतरराष्ट्रीय पहचान बनाने की तैयारी है। इस बैठक में प्रबंध समिति के कार्यों व अधिकारों का स्पष्ट निर्धारण भी किया गया है।बैठक में महापरिषद के अध्यक्ष मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, जनसंपर्क मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा, कुलपति प्रो बीके कुठियाला, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर के कुलपति प्रो रामराजेश मिश्र, वरिष्ठ पत्रकार राधेश्याम शर्मा (चंडीगढ़), साधना (गुजराती) के संपादक मुकेश शाह, विवेक (मराठी) के संपादक किरण शेलार, सन्मार्ग-भुवनेश्वर के संपादक गौरांग अग्रवाल, स्वदेश समाचार पत्र समूह के संपादक राजेंद्र शर्मा, काशी विद्यापीठ के प्रोफेसर राम मोहन पाठक, दैनिक जागरण भोपाल के संपादक राजीव मोहन गुप्त, जनसंपर्क आयुक्त राकेश श्रीवास्तव, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के सलाहकार अशोक चतुर्वेदी, विश्वविद्यालयय के रेक्टर प्रो चैतन्य पुरूषोत्तम अग्रवाल, नोयडा परिसर में प्रो वीर सिंह निगम शामिल थे।