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देहरादून।मुख्यमंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने दिगम्बर जैन धर्मशाला में आयोजित राजकीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी फार्मासिस्ट एसोसिएशन के पंचम द्विवार्षिक अधिवेशन को सम्बोधित करते हुए कहा कि आयुर्वेद सहित सभी आयुष पद्धतियां वैकल्पिक नहीं वरन मूल चिकित्सा पद्धतियां हैं। आयुष को बढ़ावा देने के लिए सरकार आयुष ग्राम स्थापित कर रही है। उन्होंने कहा कि चरक ऋषि की जन्मस्थली मानी जाती रही, कोटद्वार के चरक डांडा में आयुर्वेद शोध संस्थान स्थापित किये जाने के प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है। कार्यक्रम में आयुर्वेद विभाग की ओर से मुख्यमंत्री को मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए 10 लाख रुपये का चेक भी भेंट किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने उप निदेशक फार्मेसी और प्रभारी अधिकारी फार्मेसी के पद सृजित कर उत्तराखण्ड को ऐसा करने वाला पहला राज्य बना दिया है। उन्होंने कहा कि इसी वर्ष 400 से भी अधिक फार्मासिस्टों की नियुक्ति की गई है। आयुष ग्रामों के साथ ही आयुर्वेद विश्वविद्यालय की स्थापना भी की जा रही है। ऋषिकुल राजकीय आयुर्वेदिक कालेज का उच्चीकरण किया जा रहा है। पहले से स्थापित ऐलोपैथिक चिकित्सालयों में 180 आयुष विंगों की स्थापना की जा रही है। जिला चिकित्सालयों में 26 आयुष विंग स्थापित किये जा रहे हैं। फार्मासिस्ट की नई सेवा नियमावली जारी कर दी गई है। उन्होंने कहा कि पंचकर्म चिकित्सा को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने कई कदम उठाये हैं। मुख्यमंत्री ने एसोसिएशन की स्मारिका का विमोचन भी किया।इस अवसर पर आयुर्वेद निदेशक पूजा भारद्वाज सहित संगठन के विभिन्न पदाधिकारी उपस्थित थे।