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देहरादून। मुख्यमंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक बुधवार को सचिवालय में जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कान्फ्रेसिंग से आपदा राहत कार्यों की प्रगति की समीक्षा की और जिलावार ग्राम पंचायत, ब्लॉक एवं जनपद स्तर पर आपदा प्रबंधन समितियों की जानकारी करते हुए जिलाधिकारियों से आपदा राहत कार्यों में अब तक हुई प्रगति के बारे में पूछा। उन्होंने जिलाधिकारियों से कहा कि वे प्रभावित परिवारों के टैंट या रिश्तेदारों के यहां आश्रय की व्यवस्था को स्थायी व्यवस्था में बदलने के लिए तेजी से कार्रवाई करें और इसके लिए प्रभावितों को 500 रुपये या निर्धारित धनराशि किराये के रूप में दी जाए।
जिलाधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि निविदा प्रक्रिया लम्बी होने के कारण निर्माण कार्यों में देरी हो रही है, इस पर मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि वे आपदा राहत संबंधी निर्माण कार्यों की निविदाएं स्वयं जारी करें। उन्होंने प्रमुख सचिव वित्त को निर्देश दिये कि आपदा राहत को देखते हुए 2 लाख रुपये धनराशि तक के कार्यों को बिना टैण्डर के करने संबंधी शासनादेश जारी करें। जहां पर वन भूमि या स्थायी भूमि उपलब्ध नही हो पा रही है, जिलाधिकारी वहां के बारे में उसकी रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेजें और जहां भूमि उपलब्ध हो, वहां इन्दिरा आवास या दीनदयाल आवास योजना से तुरंत आश्रय स्थल निर्मित कर प्रभावितों को उपलब्ध कराएं। मुख्यमंत्री ने आपदा प्रबंधन से संबंधित आंकड़ो में असमानता को गंभीरता से लिया और भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति न होने की चेतावनी दी।
मुख्यमंत्री ने कृषि, बागवानी और सालाना फसलों की क्षति के लिए किसानों को दी जाने वाली मुआवजा राशि में देरी पर भी अप्रसन्नता प्रकट करते हुए जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि एक सप्ताह में प्रभावित किसानों को मुआवजा प्रदान किया जाए। अवरूद्ध यातायात मार्गों को संचालित करने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य किया जाए। मुख्यमंत्री ने सभी प्रभारी मंत्रियों से आपदा प्रबंधन की अद्यतन प्रगति की जानकारी प्राप्त की।
मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड के स्थापना दिवस के अवसर पर 10 से 16 नवम्बर, 2010 तक ब्लॉक और न्याय पंचायत स्तर और अटल आदर्श गांवों एवं ग्राम पंचायत स्तर पर विकास कार्यों संबंधी जानकारी दी जाए, ताकि विकास एवं कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे। उन्होंने कहा कि इस वर्ष दैवीय आपदा के कारण स्थापना दिवस के अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित नही किये जायेंगे। दस वर्ष की राज्य की यात्रा कई मायनों में महत्वपूर्ण व आशाजनक रही है, जिसका अहसास गोष्ठियों के माध्यम से आम जनता तक पहुंचाया जाए।
वीडियो कान्फ्रेसिंग में जनपद अल्मोड़ा से नियोजन मंत्री प्रकाश पंत, पिथौरागढ़ से चिकित्सा शिक्षा मंत्री बलवंत सिंह भौर्याल, रूद्रप्रयाग से ग्राम्य विकास मंत्री विजया बड़थ्वाल, ऊधमसिंह नगर से उद्योग मंत्री बंशीधर भगत, देहरादून से सिंचाई मंत्री मातबर सिंह कंडारी और बीस सूत्री कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति के उपाध्यक्ष हरभजन सिंह चीमा, विधायक नैनीताल खड़ग सिंह बोरा प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री डीके कोटिया, प्रमुख सचिव वित्त आलोक कुमार जैन, आयुक्त कुमाऊं मण्डल कुणाल शर्मा, आयुक्त गढ़वाल अजय नबियाल, प्रमुख वन सरंक्षक डॉ आरबीएस रावत और सभी जनपदों के जिलाधिकारी उपस्थित थे।