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देहरादून। मुख्यमंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने वन विभाग से कहा है कि वह वन पंचायतों से जुड़े लोगों को योजनाबद्ध तरीके से संगठित एवं प्रोत्साहित करने के लिए चार-पांच अधिकारियों की एक कोर कमेटी का गठन करे। यह कमेटी वन विभाग, हिमालयी आजीविका परियोजना, जलागम, बांस एवं रेशा विकास परिषद आदि विभागों के कार्यो का समन्वय भी करेगी। मुख्यमंत्री ने यह निर्देश सुभाष रोड पर स्थित पैसेफिक होटल में आयोजित वनाधिकारियों के दो दिवसीय राज्य स्तरीय सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए दिये। इस अवसर पर वन विभाग की ओर से मुख्यमंत्री राहत कोष में लगभग 25 लाख रुपये का चेक भी दिया गया।
मुख्यमंत्री डॉ निशंक ने कहा कि अधिकारियों के किताबी ज्ञान और व्यवहारिक अनुभवों को समायोजित करते हुए योजनाओं का क्रियान्वयन होना चाहिए। प्रदेश में 12 हजार वन पंचायते है और यदि औसतन एक वन पंचायत से 10 व्यक्ति भी जुड़े हो तो भी वन विभाग के पास एक लाख से अधिक समर्पित लोगों की फौज है। उन्होंने कहा कि बिना जन सहभागिता के वनों से जुड़ी योजनाओं का सफल होना अत्यन्त कठिन है। मुख्यमंत्री ने कहा कि चीड़ वनों में दुर्घटनाओं के प्रमुख पीरूल के व्यवसायिक उपयोग की योजना बनाकर उत्तराखण्ड वन विभाग ने सराहनीय कार्य किया है। उन्होंने जड़ी-बूटी प्रजातियों के संरक्षण, संवर्धन और रोपण के सम्बन्ध में विशेष ध्यान देने के निर्देश भी दिये। मुख्यमंत्री ने वन्य जीवों के कारण होने वाली जान-माल की क्षति से प्रभावित पक्षों को तुरन्त राहत देने और अनुग्रह राशि का यथाशीघ्र भुगतान करने के निर्देश दिये।
प्रमुख वन संरक्षक आरबीएस रावत ने बताया कि इस वर्ष लगभग 20 लाख पौधों का निशुल्क वितरण कर वृक्षारोपण कार्यक्रम को जन अभियान के रूप में चलाया गया है। उन्होंने बताया कि उत्तराखण्ड को इनवायरमेंट परफार्मेंस इन्डेक्स में देश में पहला स्थान मिला है। उन्होंने बताया कि उत्तराखण्ड वन संरक्षण ओर जलवायु परिवर्तन की श्रेणी में भी देश में पहले स्थान पर है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री हरित विकास योजना के अन्तर्गत प्रदेश को हरित प्रदेश बनाने के प्रयास किये जा रहे हैं और इस कार्यक्रम में जन सामान्य को भी जोड़ा जा रहा है। उन्होंने बताया कि धनोल्टी में स्थानीय बेरोजगारों को वन प्रबंधन एवं आय अर्जन में भागीदार बनाकर ईको टूरिज्म का अनुपम मॉडल विकसित किया गया है। सीमान्त जनपद चमोली के दूरस्थ गांव विरही में ग्रामीणों ने तेजपात एकत्रीकरण कार्य को रोजगारपरक बनाया गया है। कार्यक्रम में वन सचिव एमएच खान, अपर प्रमुख मुख्य वन संरक्षक श्रीकान्त चन्दोला, प्रमुख वन संरक्षक बीना सेखरी, एसएस शर्मा सहित बड़ी संख्या में वनाधिकारी उपस्थित थे।