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लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने श्रम अधिकारियों से कहा है कि श्रमिकों के कल्याण की योजनाओं एवं कार्यक्रमों को पूरी तत्परता और पारदर्शिता से लागू कर बाल श्रमिकों एवं बंधुआ श्रमिकों की समस्याओं के समाधान के लिए इनके चिन्हांकन का कार्य तुरन्त प्रारम्भ किया जाए। प्रदेश के प्रमुख सचिव श्रम डॉ आरसी श्रीवास्तव ने यह निर्देश श्रम आयुक्त, संगठन के पदाधिकारियों की प्राथमिकता कार्यक्रमों एवं प्रशासनिक कार्यों की प्रगति की मासिक समीक्षा बैठक में दिये। उन्होंने कहा कि बाल श्रमिकों के चिन्हांकन के लिये होटलों आदि के साथ ही ढाबों का भी गहन निरीक्षण किया जाए और बन्धुआ मजदूरों के चिन्हांकन के लिये ईट भट्टों की गहराई से जांच की जाए। श्रम विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी अपना उत्तरदायित्व पूरी ईमानदारी से निभाएं।डॉ श्रीवास्तव ने ईएसआई के डाक्टरों एवं अधिकारियों से कहा कि वह अपने चिकित्सालयों को मौजूदा जरूरतों के अनुरूप बनाएं और श्रमिकों एवं उनके परिवार के सदस्यों को दवा-इलाज की पूरी सुविधा उपलब्ध कराएं। उन्होंने कारखानों, फैक्ट्रियों के रजिस्ट्रेशन, उनके नियमित निरीक्षण आदि के सम्बन्ध में भी संबंधित अधिकारियों को व्यापक निर्देश दिये। बैठक में विशेष सचिव श्रम एसपी सिंह, रूद्र कुमार गुप्ता के अतिरिक्त अपर श्रम आयुक्त, ईएसआई के निदेशक अशोक कुमार, अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।