स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
लखनऊ।उत्तर प्रदेश सरकार ने विभिन्न विकास परियोजनाओं के लिए अधिग्रहीत की गई भूमि से विस्थापित परिवारों के पुनर्वास को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए पदेन आयुक्त और प्रशासक नियुक्त किए हैं। राज्य के औद्योगिक विकास विभाग के अनुसार नोएडा एवं ग्रेटर नोएडा की परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण संबंधी पुर्नस्थापन एवं पुनर्वास के मामलों को देखने के लिए जिलाधिकारी गौतमबुद्ध नगर को पदेन प्रशासक और मण्डलायुक्त मेरठ को पदेन आयुक्त नियुक्त किया गया है। लखनऊ औद्योगिक विकास प्राधिकरण (लीडा) के लिए पदेन प्रशासक जिलाधिकारी लखनऊ और पदेन आयुक्त मण्डलायुक्त लखनऊ होंगे। गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) के लिए पदेन प्रशासक जिलाधिकारी गोरखपुर और पदेन आयुक्त मण्डलायुक्त गोरखपुर को बनाया गया है। इसी प्रकार यमुना एक्सप्रेस-वे परियोजनाओं के लिए गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, महामाया नगर, मथुरा, आगरा के जिलाधिकारी को पदेन प्रशासक और मेरठ, अलीगढ़ एवं आगरा के मण्डलायुक्तों को पदेन आयुक्त बनाया गया है।
पदेन प्रशासक, भूमि अधिग्रहण के मामलों में परियोजना से प्रभावित परिवारों के पुर्नस्थापन एवं पुनर्वास के लिए कम से कम लोगों को विस्थापित किये जाने के विकल्पों की जानकारी प्राप्त कर विस्थापित परिवारों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था के लिए सक्षम अधिकारी से विचार-विमर्श कर आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करेंगे। इसी प्रकार परियोजना से प्रभावित होने वाले परिवारो के लिए पुर्नस्थापन एवं पुनर्वास योजना भी तैयार करेंगे। पदेन प्रशासक यह भी सुनिश्चित करेंगे कि परियोजना से प्रभावित होने वाले ऐसे परिवारों, विशेष कर अनुसूचित जाति जनजाति एवं कमजोर वर्गों के परिवारों के हित पूरी तरह संरक्षित रहें। पदेन आयुक्त, भूमि अधिग्रहण के मामले में विभिन्न परियोजनाओं से प्रभावित परिवारों के पुनर्वासन और पुर्नस्थापन के पर्यवेक्षण का कार्य करेंगे। इसके अतिरिक्त वे पुर्नस्थापन और पुनर्वासन के लिए सभी उपाय सुनिश्चित करेंगे। पदेन आयुक्त परियोजनाओं के लिए पुनर्वासन एवं पुर्नस्थापन नीति को प्रभावी ढंग से लागू करायेंगे। इस परियोजना के पुनर्वास एवं पुर्नस्थापन में लगे हुए अधिकारी एवं कर्मचारी पदेन आयुक्त के अधीन होंगे। आयुक्त, योजनाओं के क्रियान्वयन के साथ ही प्रतिवादों का भी निस्तारण सुनिश्चित करेंगे।