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नई दिल्ली। ऑर्गेनाइर्जेशन ऑफ फार्मास्युटिकल्स प्रोड्युसर्स ऑफ इंडिया एवं इंडियन ड्रग मैन्युफेक्चरर्स एसोसिएशन ने सरकार को सूचित किया है कि कंफेडरेशन ऑफ इंडियन फार्मास्युटिक्लस इंडस्ट्री, फेडरेशन ऑफ फार्मास्युटिकल्स इंटरप्रेन्युर्स, इंडियन फार्मास्युटिकल्स एलायन्स एवं एसएमई फार्मा इंडस्ट्रीज कंफेडरेशन के साथ मिलकर उन्होंने एक समान भेषज विपणन परिपाटी संहिता तैयार की है। इससे अब सरकार का औषध विभाग ऐसी यूसीपीएमपी तैयार करने की संभावना की जांच कर रहा है जिसे पहले स्वेच्छा से अपनाया जाए।रसायन और उर्वरक राज्यमंत्री श्रीकांत कुमार जेना ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि औषध कंपनियों के संवर्धन खर्च के संबंध में हाल ही में समाचार पत्रों में कुछ खबरें छपी थीं, जिनमें यह कहा गया है कि कतिपय औषधि कंपनियां कुछ अनुचित विपणन परिपाटियां अपना रही हैं। आरोपों की गंभीरता को देखते हुए औषध विभाग ने उपभोक्ताओं, मरीजों के हित में इस मामले पर विचार करने की आवश्यकता समझी, क्योंकि डॉक्टरों को दिए जा रहे संवर्धन व्यय का दवाइयों के मूल्यों और उनकी वहनीयता पर सीधा प्रभाव पड़ता है। फार्मा एसोसिएशनों और उद्योग के साथ इन मामलों पर विचार-विमर्श करने के बाद औषध विभाग आचार संहिता को अपनाने के लिए अधिकतर एसोसिएशनों को मनाने में सफल रहा जिसके बाद ऑर्गेनाइर्जेशन ऑफ फार्मास्युटिकल्स प्रोड्युसर्स ऑफ इंडिया एवं इंडियन ड्रग मैन्युफेक्चरर्स एसोसिएशन ने औषध विभाग को एक आचार संहिता के संबंध में सूचित किया।