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लखनऊ। देश के प्रसिद्ध पादप-सूक्ष्मजीवी जैव प्रौद्योगिकी वैज्ञानिक और रावअसं लखनऊ में कार्यरत वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ चंद्रशेखर नौटियाल ने 26 नवम्बर को संस्थान के निदेशक के रूप में कार्यभार ग्रहण किया। संस्थान के शिखर पद पर पहुंचने से पूर्व डॉ नौटियाल राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान के पादप सूक्ष्मजीवी विभाग के प्रधान पद पर वैज्ञानिक के रूप में कार्य कर रहे थे। कनाडा और संयुक्त राज्य अमेरिका में विभिन्न पदों पर 10 वर्ष तक अनुसंधान कार्य और संयुक्त राज्य में जैव प्रौद्योगिकी कम्पनी में प्रोडक्शन मैनेजर के रूप में कार्य करने के उपरान्त डॉ नौटियाल ने फरवरी 1994 को राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान लखनऊ में वैज्ञानिक के रूप में कार्यकाल प्रारम्भ किया और फरवरी 2009 में वैज्ञानिक में प्रोन्नत हुए।
डॉ नौटियाल का शोध कार्य सूक्ष्म जीव सहभागिता और सूक्ष्मजीवों की आबादी और पर्यावरण दबावों के बीच संबंधों की व्याख्या से संबंधित है। इसके अतिरिक्त जीवाणुओं और पौधों के बीच संबंधों की जटिलताओं की खोज और इस विकसित ज्ञान आधार को व्यवसायिक रूप से दोहन प्रौद्योगिकियों के हस्तांतरण द्वारा मिट्टी की उर्वरता और फसल उत्पादन के सतत प्रबंधन के रूप में उनके कार्यो की प्रमुखता रही है। इनके शोध कार्यो के योगदान से कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पेटेंट विकसित हुए, जिनका उपयोग कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय जैव प्रौद्योगिकी कंपनियां और किसान कर रहे हैं।
डॉ नौटियाल को उनके योगदान के लिए कई राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है, जैसे-विज्ञान भारती राष्ट्रीय पुरस्कार (2001), ऑल इंडिया बायोटेक एसोसिएशन पुरस्कार (2000-01), जैव प्रौद्योगिकी विभाग नई दिल्ली का बायोटेक उत्पाद और प्रक्रम विकास एवं व्यवसायीकरण पुरस्कार (2004), बायोटेक रिसर्च सोसायटी ऑफ इण्डिया का औद्योगिक पदक पुरस्कार (2007), गोपाल गौरव पुरस्कार कर्नाटक (2007) और हाल ही में उन्हें उनके उत्कृष्ट अनुसंधान योगदान के लिए प्रतिष्ठित टाटा फैलोशिप पुरस्कार (2009) प्रदान किया गया। डॉ नौटियाल राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी (भारत) और राष्ट्रीय कृषि विज्ञान अकादमी के अघ्येता सहित कई अन्य विख्यात व्यवसायिक संस्थाओं के निर्वाचित अघ्येता और सदस्य हैं। डॉ नौटियाल की भविष्य दृष्टि, कृषि जैव प्रौद्योगिकी आधारित अनुसंधान से उपज उत्पादन में सुधार के लिए देश की आवश्यकता के अनुरूप सर्वश्रेष्ठ उन्मुख वैज्ञानिक अनुसंधान प्रदान करना है और आर्थिक, पर्यावरण और सामाजिक लाभ से सीएसआईआर के मिशन को पूर्ण करना है।