डा रघु रंगराजन
जीवन में किसी भी कार्य व्यवसाय से संबंधित कुछ मूल नियम ऐसे हैं, जिनकी उपेक्षा नहीं की जा सकती है। ये कार्य जगत से संबंद्घ रोजमर्रा के उन तथ्यों पर आधारित हैं जिनकी जानकारी होनी ही चाहिए, किंतु प्रायः होती नहीं है। सफलता के ये कुछ महत्वपूर्ण सूत्र, व्यापार व्यवसाय अस्पष्ट सफलताओं और असफलताओं का मिश्रण हैं, लेकिन आप इन सबको सफलता की ही संज्ञा दें।
अपने सभी कार्यों का लेखा जोखा रखिए, कोई कभी अवश्य पूछ बैठेगा।
वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष आत्म विश्वास बनाए रखें, ऐसा न कर सकें तो दिखावा ही करें।
अपने वरिष्ठ अधिकारी के समक्ष कोई समस्या बिना किसी समाधान के न ले जाएं। आपको सोचने और समाधान का वेतन मिलता है, शिकायत करने का नहीं।
देर तक कार्य करना महत्वपूर्ण नहीं है। महत्व परिणाम का है, प्रयास का नहीं।
मन में जो विचार आएं, लिख लें। विचार भी बढि़या किस्म के कलमों की तरह हैं,जो खो जाते हैं।
काम पर सदैव अपने वरिष्ठ अधिकारी से आधा घंटा पहले पहुंचें।
कोई बैठक हो तो मेज पर टिककर बैठें, दीवार से लग कर नहीं।
नौकरी की तलाश में लगे लोगों की सहायता कीजिए। जैसा आप औरों के साथ करेंगे, वैसा ही आप के साथ भी होगा।
बीमारी की छुट्टियां तभी लीजिए जब आप वास्तव में बीमार हों।
यह मानकर चलिए कि कोई भी रहस्य पचाया नहीं जा सकता है।
यह जानिए कि आप अपने को कब और सब से अधिक कार्य कुशल अनुभव करते हैं- प्रातः, रात्रि को, दबाव में, या विश्राम की स्थिति में, अपने कार्य का बंटवारा इसे ध्यान में रख कर करें।
कार्यालय में कार्य करने वाले प्रत्येक व्यक्ति के साथ सम्मान और आदर से पेश आएं, चाहे वह चौकीदार हो अथवा अध्यक्ष। स्वयं को बड़ा सिद्ध करने का प्रयास कभी मत करें।
आप को स्वरोजगार की ही इच्छा सताए तो किसी ऐसे व्यक्ति से मिलें, जिस ने अपना स्वयं का कारोबार शुरू किया हो। हो सकता है, आप की यह इच्छा दम ही तोड़ दे।
किसी ग्राहक अथवा अपने अधिकारी के समक्ष परेशान न दिखें। लंबी सांस खींचें और स्वयं से पूछें कि जीवन की घटनाओं में क्या यह महत्वपूर्ण हैं?
किसी दूसरे के योगदान को उचित श्रेय देना आप के लिए दोगुना श्रेयस्कर होगा।
व्यावसायिक जीवन की योजना बनाना निरर्थक है। प्रायः देखा यह गया है कि अत्यंत रोमांचक अवसर अकस्मात ही हाथ आते हैं।
सदैव वह अच्छा काम करने की सोचिए जो आप अब से दस वर्ष बाद भी याद कर सकें।
यह जानिए कि कार्य का पूर्ण होना कैसा लगता है और कार्य पूरा हो जाने पर ही उसे लोगों के सामने लाएं।
वह व्यक्ति जो हर वक्त काम करता रहता है, परिश्रमी नहीं, उबाऊ है।
अपने व्यवसाय से संबंधित पत्र लिखना सीखिए। इन में धन्यवाद के पत्रों के साथ प्रस्ताव संबंधी पत्र भी शामिल हैं।
किसी ज्ञापन को वास्तविकता मत समझिए। ऊपर से भेजे गए अधिकांश ज्ञापन केवल राजनीतिक कल्पना की उड़ान मात्र होते हैं।
अपराध भाव से बचें। कभी भी व्यय संबंधी रिपोर्टों, कर अदायगी, लाभांश आदि के मामले में हेराफेरी न करें और सहयोगियों के साथ धोखाधड़ी से भी बाज आएं।
पुनर्गठन का अर्थ है किसी न किसी की नौकरी जाना। उन लोगों से संपर्क रखें जिनके सुझाव पर अमल किया जाएगा।
समझ लें कि सुरक्षित नौकरी जैसी कोई चीज नहीं होती।
बच्चे सत्य और विचारों के स्रोत होते हैं। एक बैठक में कोई समझ नहीं पा रहा था कि उसे शुरू कैसे करें तभी एक छह वर्षीय बालक ने यह कहकर सब को सहज कर दिया कि ‘जो क्रोध में हैं, हाथ ऊपर उठाएं।’
आप के पास सदैव इस प्रश्न का उत्तर होना चाहिए, ‘यदि कल मेरी नौकरी छूट जाती है तो मैं क्या करूंगा।’
अपने कार्यालय द्वारा आयोजित भोजों में भाग लें।
वहां अधिक शराब मत पिएं।
सप्ताहांत में काम करने से बचें। काम करना ही है तो सप्ताह भर कुछ घंटे अधिक काम कर लें।
व्यापार में सर्वाधिक सफल दिलचस्प व्यक्ति ही होते हैं।
कभी-कभी आप जो भी कुछ करते हैं, उस में सफल होते जाते हैं। ऐसे समय का अधिकाधिक लाभ उठाएं। विपरीत समय आए तो हताश न हों और उसके गुजरने की प्रतीक्षा करें।
कभी भी जीवन में यह न कहें, ‘यह मेरा काम नहीं है।’
अपने व्यवसाय, अपने हितों और अपने प्रति निष्ठावान रहें।
उन कलाओं और योग्यताओं की पहचान करें जो आप को औरों से अलग करती हैं। जब भी अवसर मिले उन्हें इस्तेमाल करें।