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लखनऊ। शिया उलेमा-ए-काउंसिल हिंद के सेक्रेट्री मौलाना इफ़तेख़ार हुसैन इंकलाबी ने मुख्यमंत्री मायावती को एक पत्र लिखकर उत्तर प्रदेश में शिया सुन्नी वक्फ की ज़मीनों पर अवैध कब्ज़ों और निर्माण रोकने, भू-माफियाओं की पुलिस-प्रशासन और वक्फ बोर्ड के कर्मचारियों की मिली भगत की जांच कर उन्हें दण्डित करने, वक्फ सम्पत्तियों के रजिस्टर नंबर 37 के अनुसार हदबंदी, बाउण्ड्री विधायक और सांसद निधि से करवाने, वक्फ भूमि पर अवैध कब्ज़ा कर भवन बनवाने वालों के बिजली-पानी कनेक्शन काटने, बैंकों में वक्फ सम्पत्ति बन्धक बनाने से रोकने और इनकी रजिस्ट्री-तहसील दाखिल खारिज रोकने के लिए कड़े निर्देश देने का अनुरोध किया है। इंकलाबी ने कहा है कि प्रदेश में शिया-सुन्नी वक्फ की अरबो की ज़मीनो पर भू-माफियाओ और बोर्ड के कर्मचारियों, मुतवल्लियो की मिली भगत से कब्जे कर मकान और भवन बनवाये जा रहे हैं जोकि सरासर गलत और वक्फ एक्ट एवं वक्फ के विकास और बचाव के लिए समय-समय पर जारी शासनादेशों के खिलाफ हैं।इफ़तेख़ार हुसैन इंकलाबी ने अपने पत्र में इस गंभीर समस्या की ओर मुख्यमंत्री का ध्यान खींचते हुए उन्हें कुछ सुझाव भी दिए हैं जिन्हें अपनाने से इन संपत्तियों का दुरूपयोग और अवैध कब्ज़ों की समस्या पर काफी हद तक काबू पाया जा सकता है। इंकलाबी ने लिखा है कि पूरे प्रदेश में शिया-सुन्नी वक्फ बोर्ड में दर्ज भूमि रजिस्टर नंबर 37 के अनुसार भूमि की हदबंदी कराकर उस पर बाउंड्री बनाने के लिए क्षेत्रीय विधायक, एमएलसी, सासंद को कहें, राज्य सरकार के विवेकाधीन कोष से भी यह कार्य कराने का शासनादेश किया जाये। रजिस्टर नंबर 37 पर दर्ज भूमि को खरीदने, बेचने और निर्माण कराने वालो पर मुकदमा दर्ज कराया जाए। वक्फ सम्पत्तियों को बचाने के लिए जिलाधिकारी, अपर ज़िलाधिकारी उपजिलाधिकारी समेत पुलिस अधिकारियों और संबंधित कर्मचारियों, अधिकारियों मुतवल्लियों, सुन्नी-शिया-संप्रदाय के नागरिकों में इसके प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए क्षेत्रीय अन्जुमनों एवं संस्थाओं के सहयोग से सेमिनार वर्कशाप का हर जिले में आयोजन कराया जाए।इंकलाबी ने मुख्यमंत्री को लिखा है वक्फ सम्पत्ति में दर्ज भूमि का रिकार्ड, तहसील, रजिस्ट्री कार्यालय, बिजली विभाग, नगरपालिका, बैंकों में उपलब्ध कराने के साथ यह भी व्यवस्था की जाए कि वक्फ सम्पत्ति की रजिस्ट्री किसी भी कारण से नहीं की जाएगी। तहसील और नगर पालिका, नगर पचांयत मे दाखिल खारिज को तत्काल रोका जाए। वक्फ संपत्ति पर निर्माण मे बिजली कनेक्शन काट दिये जाएं। वक्फ सम्पत्तियों को ऋण के लिए बन्धक बनाने से रोकने के लिए रिज़र्व बैंक ऑफ इण्डिया और समस्त बैकों को निर्देश जारी किए जाएं। वक्फ भूमि पर अवैध मकान पर रहने वालों के वोटर आईडी कार्ड और राशन कार्ड किसी भी हालत मे न बनाये जाएं। वक्फ बोर्ड के समस्त सदस्यों, कर्मचारियों मुतवल्लियों की समस्त ज़िलों के खुफिया विभाग से जांच करवाकर बोर्ड के पटल पर रखा जाये और जो भ्रष्ट है उसको हटाकर साफ सुथरी छवि के लोगों को जिम्मेदारी दी जाए। उनको सदस्य/मुतवल्ली बनाने से पहले शपथ पत्र और मस्ज़िद मे कुरआन हाथ में लेकर शपथ ग्रहण कराया जाये कि वह वक्फ सम्पत्ति को बचाएंगे, खुर्द-बुर्द नही करेंगे।प्रदेश की समस्त वक्फ सम्पत्तियों में जिनमे किराएदार रहते हैं उनका सर्किल रेट पर किराया निधारित किया जाये और वसूला जाये और न देने पर तहसील सें आरसी के जरिये वसूली का प्रावधान किया जाये। प्रदेश मे वक्फ सम्पत्तियों को बचाने के लिए जद्दो-जहद करने वाले अधिकारियों/मुतवल्लियों और वक्फ कमेटी के पदाधिकारी की जान-माल की सुरक्षा की जिम्मेदारी जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक की हो, इन पर भू-माफियाओ द्वारा फर्जी तरीके से दर्ज मुकदमों को वापस लिया जाए और आईन्दा से बगैर जांच किये और बोर्ड या शासन की इज़ाजत के बगैर भू-माफियाओं/अवैध कब्ज़ेदारों के प्रार्थना पत्र पर मुकदमा दर्ज न किया जाये। प्रदेश के समस्त जिलों और उच्च-न्यायालय मे चल रहे मुकदमों की त्वरित कार्यवाही/पैरवी प्रदेश सरकार सरकारी वकीलों से कराए।इंकलाबी ने मुख्यमंत्री को लिखा है कि वक्फ सम्पत्ति की देखभाल करने वाले मुतवल्लियों को वक्फ की आमदनी से 20 प्रतिशत मासिक वेतन देने का प्रावधान किया जाये जिससे भ्रष्टाचार को रोका जा सके। शत्रु सम्पत्ति के रूप में दर्ज भूमि जो वक्फ कर्बला कब्रिस्तान खानकाह में दर्ज हैं को वक्फ सम्पत्ति के रूप में दर्ज कर उनकी आमदनी से मुस्लिम गरीब बच्चों की शिक्षा में खर्च किया जाए। इन बिन्दुओं पर शासनादेश जारी कर प्रदेश की वक्फ सम्पत्तियों को बचाने और उनकी आमदनी बढ़ा कर मुस्लिम समुदाय के गरीब लोगों के विकास के आर्थिक स्रोतों को विकसित और किया जा सकता है। इस ओर ध्यान देने के लिए इंकलाबी ने मुख्यमंत्री का अग्रिम आभार व्यक्त किया है।