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नई दिल्ली। इकतालीसवें भारतीय अंतराष्ट्रीय फिल्मोत्सव 2010 में बंगला फिल्म निर्माता गौतम घोष की मोनेर मानुष को सर्वोत्तम फिल्म के लिए स्वर्ण मयूर प्रदान किया गया, जबकि सर्वोत्तम निर्देशक का रजत मयूर पुरस्कार डेनमार्क की फिल्म 'इन ए बैटर वर्ल्ड' के निर्देशक सुसाने बीर ने प्राप्त किया। भारत की फिल्म 'जस्ट एनअदर लव स्टोरी' और न्यूजीलैंड की फिल्म ब्वॉय को विशेष जूरी पुरस्कार प्राप्त हुआ। फिल्म निर्देशक गौतम घोष ने स्वर्ण मयूर और 20 लाख रुपए केंद्रीय सूचना प्रसारण राज्य मंत्री चौधरी मोहन जतुआ, गोवा के मुख्यमंत्री दिगम्बर कामत और प्रसिद्ध अभिनेता और राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता सैफ अली खान जोकि समापन समारोह के मुख्य अतिथि भी थे की उपस्थिति में प्राप्त किया। दस लाख रुपए का सर्वोच्च अभिनेता का पुरस्कार 'द क्रॉसिंग' फिल्म में बेहतर भूमिका के लिए तुर्की के अभिनेता गुवेन किराक को प्रदान किया गया, जबकि सर्वोत्तम अभिनेत्री का पुरस्कार 'लिटिल रोज़' में अपनी बेहतर भूमिका के लिए पोलैंड की मैक डेलेना बोजरस्का को प्राप्त हुआ।प्रतियोगिता खंड में भारत की तीन फिल्मों समेत यूक्रेन, चेक गणराज्य, फिनलैंड डेनमार्क, चीन, ईरान, इज़रायल, मैक्सिको, पोलैंड, रूस, टर्की, न्यूजीलैंड, ताईवान, थाईलैंड की फिल्मों से 18 देशों से 5 प्रतियोगिता जूरी सदस्यों ने उपर्युक्त फिल्मों का चयन किया था। प्रतियोगिता जूरी के अध्यक्ष पोलैंड के जाने-माने फिल्म निर्देशक जेरजी एण्टजैक थे। जूरी के अन्य सदस्यों में स्टुरला गन्नारशन (कनाडा), मिक मोलाय (आस्ट्रेलिया), ओलवियर पियर (स्विटजरलैंड) और रेवती मेनन (भारत) शामिल थे। प्रमुख फ्रांसिसी निर्देशक और पटकथा लेखक बर्ट्रेन्ड टवेनियर निर्देशित फ्रांस की फिल्म 'द प्रिन्सेज़ ऑफ मान्टेन्सर' के प्रदर्शन के साथ समारोह सम्पन्न हो गया।गोवा के मुख्यमंत्री दिगम्बर कामत ने इस मौके पर गोवा में इफ्फी के 42वें अंतरराष्ट्रीय आयोजन की तैयारियों की बात कही। उन्होंने कहा कि अगले समारोह में छोटी-मोटी कमियों को दूर कर लिया जाएगा। इफ्फी 2010 में ई-टिकटिंग जैसी नई पहलें बहुत सफल रहीं और टिकटों की बिक्री एक लाख से ऊपर पहुंच गई। चौधरी मोहन जटुआ ने कहा कि भारतीय फिल्म उद्योग में 16 प्रतिशत की जबर्दस्त वृद्धि हो रही है और अगले साल तक इसका कुल कारोबार 17,500 करोड़ रुपए को भी पार कर जाएगा। उन्होंने कहा कि भारतीय सिनेमा आज विश्व सिनेमा पर छाने को तैयार है, लेकिन इस स्थिति को बनाए रखने के लिए हमें निरन्तर प्रयास करने होंगे।अभिनेता सैफ अली खान ने समापन समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि गोवा को एक मौज-मस्ती के स्थल से बढ़ाकर उसे फिल्म उद्योग का केन्द्र बनाया जाना एक स्वागत योग्य कदम है, लेकिन उससे भी आगे गोवा फिल्म समारोह को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रिय बनाने की आवश्यकता है। समारोह के निदेशक एसएम खान ने फिल्म जगत की हस्तियों और सहयोगी संस्थान के प्रति आभार व्यक्त किया कि उन्होंने 41वें इफ्फी को सफल बनाने में हर तरह का सहयोग दिया। खान ने बताया कि इस समारोह में विश्व भर से प्रविष्टियां आईं जिससे यहां आए प्रतिनिधियों को भारतीय और विश्व भर का उच्च स्तरीय सिनेमा देखने को मिला।बाईस नवम्बर को शुरू हुए इस ग्यारह दिवसीय भव्य समारोह के दौरान 11 थियेटरों में 61 देशों की 300 फिल्में प्रदर्शित की गईं। अन्तर्राष्ट्रीय खंड में 162 फिल्में दिखाई गईं। समारोह के दौरान फिल्म प्रदर्शन के अलावा फिल्मों से जुड़ी कई अन्य गतिविधियां भी आयोजित की गईं जैसे कि मास्टर क्लास, ओपन फोरम, फिल्म बाजार और शॉर्ट फिल्मसेन्टर। इससे फिल्मों की विभिन्न विधाओं से जुड़े लोगों और कारोबारियों तक को आपस में सम्पर्क स्थापित करने का अवसर मिला। ऑस्कर विजेता रसूल पुकुट्टी की साउंड टैक्नोलॉजी पर और बोमन इरानी की सिनेमा में कॉमेडी पर आयोजित मास्टर क्लासिज अत्यन्त अच्छी साबित हुई।