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नई दिल्ली। रेल मंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि भारतीय रेल यात्रियों की सहूलियत के लिए स्टेशनों और ट्रेनों में अच्छी सुविधाएं और सेवाएं देने के लिए रेलवे ने विस्तृत मानक स्वीकार किए हैं। सन् 2009 में शुरू की गई आदर्श स्टेशन योजना की चर्चा करते हुए रेल मंत्री ने कहा कि आदर्श स्टेशनों में मूलभूत सुविधाएं दी जा रही हैं जैसे बिजली, पीने का पानी, वाटर कूलर, पर्याप्त शौचालय और खानपान की सुविधाएं, महिला यात्रियों के लिए वेटिंग रूम, डोरमिटरी और चेतावनी संकेतन आदि। ममता बनर्जी रेल मंत्रालय की संसदीय सलाहकार समिति की बैठक में बोल रही थीं। बैठक में रेल राज्य मंत्री ई अहमद भी मौजूद थे। बैठक का विषय था 'यात्रियों के लिए सुविधाएं और सेवाएं'।
उन्होंने बताया कि 2009 के बाद आदर्श स्टेशन योजना के अंतर्गत सुधार के लिए 584 स्टेशनों का चयन किया गया है, इनमें से 355 स्टेशनों को पहले ही विकसित किया जा चुका है और मार्च 2011 तक 109 अन्य स्टेशनों में सुधार का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने रेलवे बोर्ड को निर्देश दिया कि वह आदर्श स्टेशनों के काम में तेजी लाए ताकि इस लक्ष्य को वर्तमान वित्तीय वर्ष में हासिल किया जा सके। ममता बनर्जी ने बहुउद्देश्यीय परिसरों में चल रहे काम में भी तेजी लाने पर जोर दिया। इन परिसरों में खरीदारी, फूड स्टॉल, रेस्तरां, बुक स्टॉल, टेलीफोन बूथ, दवा की दुकान, बजट होटल, भूमिगत पार्किंग की सुविधा होगी। वर्ष 2009 के बाद 160 स्टेशनों को बहुउद्देश्यीय परिसर के रूप में विकसित किया जा रहा है। नई खानपान नीति का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि रेलवे परिसरों में अखिल भारतीय ग्रिड आधारित किचन बनाए जाएंगे, इस नीति को यात्री सेवा के रूप में स्वीकार किया गया है। इसमें गुणवत्ता, सफाई और कम दाम के साथ-साथ बेहतर निगरानी की व्यवस्था की गई है।
ममता बनर्जी ने बताया कि धुलाई के लिए मशीनों की व्यवस्था की गई है। उन्होंने समिति को यह भी बताया कि रेलवे से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर सांसदों के साथ बातचीत के लिए प्रत्येक जोनल रेलवे के अतिरिक्त महाप्रबंधक उपलब्ध रहेंगे। इससे पहले रेल मंत्री के निर्देश पर रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष विवेक सहाय ने बैठक की कार्यसूची के बारे में संक्षिप्त जानकारी दी। सहाय ने बताया कि पिछले पांच वर्षों के दौरान यात्रियों की सुविधाओं पर खर्च 307 प्रतिशत बढ़ाया गया है। सन् 2004-05 में यह खर्च 222.70 करोड़ रूपये था जो 2009-10 में बढ़कर 906.37 करोड़ रूपये हो गया। उन्होंने बताया कि इन सुविधाओं पर इस वित्त वर्ष में 1302 करोड़ रूपये खर्च किए जाएंगे।