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देहरादून। राजभवन परिसर में 'सशस्त्र सेना झण्डा दिवस' को समारोहपूर्वक मनाया गया। इस अवसर पर राज्यपाल उत्तराखण्ड मार्ग्रेट आल्वा ने कहा कि झण्डा दिवस कोष’ में उदारतापूर्वक दान देना अपने वीर सैनिकों के प्रति आभार एवं सम्मान को व्यक्त करता है। उन्होंने सेवारत सैनिकों, पूर्व सैनिकों उनके आश्रितों और शहीद सैनिकों के परिजनों और प्रदेश की जनता को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि, जो देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने के लए तत्पर रहते हैं, उन सभी भारतीयों के ऊपर हमें गर्व है।
स्वतंत्रता प्राप्ति करने के उपरान्त, 28 अगस्त 1949 को भारत सरकार, रक्षा मंत्रालय ने यह निर्णय लिया कि प्रत्येक वर्ष 7 दिसम्बर को भारत के नागरिक सशस्त्र सेनाओं के बलिदान को याद करने के लिये अपने वाहनों में और अपने सीने पर भारतीय सशस्त्र सेना के झण्डे को एक छोटे रूप में लगाते हुए, जो भी धन, दान स्वरूप देना चाहिए। इस अवसर पर सचिव राज्यपाल अशोक पई, ब्रिग्रेडियर एएन बहुगुणा निदेशक सैनिक कल्याण, कर्नल एएस चौहान उपनिदेशक सैनिक कल्याण, राज्यपाल के परिसहाय कृष्ण कुमार, निजी सचिव राजेन्द्र चौहान और जगदीश चन्द्र आर्य मुख्य सुरक्षा अधिकारी इत्यादि मौजूद थे।