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नई दिल्ली। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने राज्यसभा में जानकारी दी कि सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों ओएमसीज ने बड़े एलपीजी ट्रकों का आवागमन प्रतिबंधित होने, स्थानीय कानून और व्यवस्था की समस्याओं, मणिपुर राज्य में विद्यार्थी संगठन की आर्थिक नाकेबंदी, त्रिपुरा राज्य में निजी भरण संयंत्र में उत्पादों की कमी और श्रम समस्या के कारण मणिपुर और त्रिपुरा राज्यों में एलपीजी आपूर्तियों में कमी आई है, तथापि नगालैण्ड सहित पूर्वोत्तर क्षेत्र के अन्य राज्यों में एलपीजी आपूर्तियों में कोई कमी नहीं है। सरकार ने समग्र बैकलॉग स्थिति का पुनरीक्षण किया है और ओएमसीज को अवकाश के दिनों और बढ़ाए गए घंटों के दौरान भरण संयंत्रों को प्रचालित कर इसे समाप्त करने की सलाह दी है।
ओएमसीज ने वर्तमान वर्ष 2010 के लिए पूरे देश के लिए घरेलू एलपीजी, वाणिज्यिक एलपीजी की वार्षिक आवश्यकता/मांग पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए 304.7 हजार मीट्रिक टन सहित 13.7 एमएमटी का आकलन किया है। एलपीजी की 13.7 एमएमटी की अनुमानित मांग की तुलना में 9.7 एमएमटी देश में उपलब्ध है और मांग को पूरी तरह से पूरा करने के लिए शेष मात्रा का आयात किया जा रहा है। जनवरी से अक्तूबर 2010 तक की अवधि के दौरान पूर्वोत्तर क्षेत्र में घरेलू एलपीजी सिलेंडरों की मांग/बिक्री के ब्यौरे 166.2 लाख है। ओएमसीज ने नगालैण्ड राज्य में पांच स्थलों पर एलपीज डिस्ट्रीब्यूटरशिप स्थापित करने के लिए राजीव गांधी ग्रामीण एलपीजी वितरण योजना के तहत एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटरों के चयन हेतु आवेदनपत्र आमंत्रित करने के लिए नोटिस जारी किए हैं। इसी प्रकार से ओएमसीज उद्योग विपणन योजना 2008.10 के तहत नगालैण्ड राज्य में पांच नियमित एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर स्थापित करने की प्रक्रिया में हैं।