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गोण्डा। 'पैगम्बर मोहम्मद मुस्तफा के विचारों को समझकर जो आगे बढ़ेगा वो नेक और सच्चा इंसान बनेगा, हुसैन दीन के चिराग हैं, जिन्होंने इस्लाम के चिराग को रोशन किया' गोण्डा के मोहल्ला मालवीय नगर में सय्यद गजंफर हुसैन रिजवी के इमामबाड़े में मोहर्रम पर मजलिस में ग़मों का इजहार करते हुए अलीगढ़ से आये शिया धर्म गुरु सय्यद मंजूर मोहसिन रिजवी उर्फ आबिद भाई ने यह बात कही।
उन्होंने कहा कि मोहम्मद साहब ने शिक्षा पर बहुत अधिक जोर दिया था। मुसलमानों को शिक्षा से ठीक से जुड़ना चाहिए जिससे उनके समाज की तरक्की हो। समाज की तरक्की होगी तो देश की तरक्की होगी। मोहम्मद साहब ने हमेशा शांति और अमन का संदेश दिया। मौलाना रिजवी ने कहा कि मोहम्मद साहब, हसन हुसैन के नाना थे, उनके बड़े नवासे हसन को ज़हर देकर शहीद किया गया। हुसैन को करबला में 72 साथियों के साथ मोहम्मद साहब के फैलाये हुए दीने इस्लाम को बचाने के लिए सर कटाना पड़ा।
शिया धर्म गुरू आबिद भाई ने जैसे ही करबला का यह दर्दनाक वाकया पेश किया मजलिस में मौजूद लोग रोने लगे। मजलिस के बाद नोहा, मिर्जा खादिम और मुख्तार ने पढ़ा। मजलिस में डॉ सय्यद सगीर आबिद रिजवी एडवोकेट, डॉ वसी हैदर रिजवी, रजा हुसैन रिजवी एडवोकेट और पत्रकार, एसके हुसैन पत्रकार, कल्वे वसी एडवोकेट, एक्टर अब्बास रजा रिजवी, बाबू भाई, मुन्ने भाई, तौकीर हसन इन्जीनियर, जहीरुल हसन, रुमी, नज़फ, जुल्फिकार सहित भारी संख्या में लोग शामिल थे।