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नई दिल्ली। रक्षामंत्री एके एंटनी ने कहा है कि सैन्य बलों का आधुनिकीकरण सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है। इनर्जाइजिंग इंडियन एरोस्पेस इन्डस्ट्री एचीवमेंट्स एण्ड फ्यूचर स्ट्रेटजीज़ पर पांचवे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारम्भ करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने इस उद्देश्य के लिए भारी बजट का प्रावधान किया है, लेकिन उनके नतीजे अपेक्षा के अनुकूल नहीं रहे। एंटनी ने कहा कि रक्षा सामग्री की खरीद प्रक्रिया में लगने वाली देरी और अवरोधों को दूर करने की जरूरत है। इसी लक्ष्य से सरकार ने रक्षा खरीदी प्रक्रिया शुरू की है, जिसमें प्रतिवर्ष संशोधन किया जाता है ताकि खरीदी प्रक्रिया में तेजी आने के साथ-साथ उसमें पारदर्शिता और निष्पक्षता बनी रहे।
रक्षामंत्री ने कहा कि सैन्य बलों के सुदृढ़ीकरण के सरकार के प्रयासों को कुछ राष्ट्रों द्वारा प्राय: गलत समझा जाता है, लेकिन भारत ने हमेशा ही प्रौद्योगिकी का उपयोग शांतिपूर्ण और अहिंसक लक्ष्यों के लिये ही किया है। उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा और रक्षा तैयारियों के लिए वायु सेना को शक्तिशाली बनाना जरूरी है, चूंकि वायु शक्ति का विकास प्रौद्योगिकी पर आधारित होता है इसलिए भारत जैसे विकासशील देशों को अपनी विशिष्ट सुरक्षा चिंताओं को आधुनिकीकरण की प्रक्रिया से जोड़ना होगा। रक्षा मंत्री ने कहा कि हालांकि भारत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भागीदारी और संयुक्त उपक्रमों की आवश्यकता को समझता है, लेकिन अंतत: स्वदेशी संस्थाओं को सुदृढ़ बनाए बिना हम आगे नहीं बढ़ सकते।
एंटनी ने कहा कि हाल के दिनों में भारत में नागरिक विमानन क्षेत्र में संधारण, मरम्मत और ओवरहॉलिंग (एमआरओ) उद्योग में जो तेजी आई है, उससे भारत इस प्रकार के उद्योगों के लिए पसंदीदा स्थान बनता जा रहा है। रक्षा मंत्री ने आशा व्यक्त की कि सम्मेलन में भाग ले रहे देशों के विशेषज्ञ इस महत्वपूर्ण क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए आपसी विचार-विमर्श करेंगे। उन्होंने डीआरडीओ जैसे संगठनों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि देश में अनुसंधान और विकास की क्षमताओं में और विस्तार किया जाना चाहिए। दो दिनों के इस सम्मेलन में देश-विदेश के अनेक जाने-माने रक्षा विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं।