स्वतंत्र आवाज़
word map

मलिन बस्‍तियों की नई परिभाषा

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

नई दिल्ली। प्रणब सेन समिति ने मलिन बस्‍तियों नए रूप में परिभाषित किया है। समिति ने मलिन बस्‍ती यानी स्‍लम को परिभाषित करते हुए इसे आमतौर पर अस्‍वास्‍थ्‍यकर स्‍थितियों में पर्याप्‍त स्‍वच्‍छता और पेयजल सुविधाओं से रहित अधिकतर अस्‍थाई कमजोर और सघन रूप से बने कम से कम 20 घरों की बस्‍ती बताया है। मलिन बस्‍ती की यह परिभाषा 2001 की भारतीय जनगणना में दी गई परिभाषा से भिन्‍न है।

जनगणना 2001 के अनुसार मलिन बस्‍तियों में आमतौर पर राज्‍य/स्‍थानीय सरकार और केन्‍द्र शासित प्रदेश द्वारा स्‍लम एक्‍ट सहित किसी भी अधिनियम में अधिसूचित किसी शहर या कस्‍बे के विशेष रूप से उल्‍लिखित सभी क्षेत्र राज्‍य/स्‍थानीय सरकार और केन्‍द्र शासित प्रदेश द्वारा स्‍लम के रूप में मान्‍यता प्राप्‍त वे सभी क्षेत्र जिन्‍हें किसी अधिनियम के तहत औपचारिक रूप से स्‍लम घोषित किया गया हो आमतौर पर अस्‍वास्‍थ्‍यकर स्‍थितियों में पर्याप्‍त स्‍वच्‍छता और पेयजल सुविधाओं से रहित अधिकतर अस्‍थाई कमजोर और सघन रूप से बने कम से कम 300 की आबादी वाले 60.70 घरों की बस्‍ती।

जैसा कि भारत के महा पंजीयक कार्यालय (ओआरजीआई) ने बताया है कि प्रत्‍येक शहर में अधिसूचित मान्‍यता प्राप्‍त और परिभाषित मलिन बस्‍ती क्षेत्रों में मलिन बस्‍तियों की पहचान के लिए जनगणना 2011 में उसी परिभाषा का उपयोग होगा जो जनगणना 2001 में की गई थी। इसके अलावा देश भर में मलिन बस्‍ती जैसे समूहों की पहचान के लिए मकानों की सूची और आवास के बारे में जनगणना के आंकड़ों का इस्‍तेमाल समान रूप से किया जाएगा। ओआरजीआई उन सभी मोहल्‍लों की पहचान करेगा जहां प्रणब सेन समिति के सुझाए मापदण्‍डों के अनुसार कम से कम 20 घर होंगे।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]