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नई दिल्ली। भारतीय वायु सेना के ब्रास और जैज़ बैंड के तीस सदस्यों ने रविवार को इंडिया गेट पर आम जनता के सामने शानदार प्रदर्शन किया। इस अवसर पर इंडिया गेट पर एकत्र लोगों ने मोज़ाट्रस सिम्फोनी 40 और ऐ मेरे वतन के लोगों, हवाना और वाका वाका की धुनों का आनंद लिया। कार्यक्रम का समापन वंदे मातरम से हुआ। वायु सेना के इस संगीत से दर्शक भावविभोर हो गए। इसके अलावा इस शो के दौरान वायु सेना के योद्धाओं के दल ने भी लोगों का मन मोह लिया।
प्राचीन काल में योद्धाओं की आत्मा को उत्तेजित करने के लिए संगीत का उपयोग किया जाता रहा है। यह सैनिकों के जुनून को जाग्रत करने और विजय हासिल के लिए प्रेरक का काम करता रहा है। सेना के बैंड भावनाओं को उत्तेजित करते हैं उन्हें सुदृढ़ बनाते हैं, गौरव और सखाभाव को प्रोत्साहन देते हैं। वायु सेना का पहला बैंड 1944 में पश्चिमोत्तर सीमा कमान में कोहाट में रॉयल एयरफोर्स स्टेशन में बनाया गया था। आज भारतीय वायु सेना में आठ बैंड हैं। वायु सेना का बैंड वैश्विक सैन्य संगीत सोसायटी का सदस्य है और भारत सहित बैंकाक, फिनलैंड, फ्रांस, इटली, कुआलालम्पुर इंटरनैशनल टैट्टू, आईएलए बर्लिन शो, फ्रांसीसी राष्ट्रीय दिवस समारोह में अपने संगीत का लोहा मनवा चुका है।