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लखनऊ। एसटीएफ ने अवैध असलहों की तस्करी करने वाले अन्तर्राज्यीय गिरोह का अनावरण कर उसके दो सदस्यों को गिरफ्तार कर भारी मात्रा में अवैध असलहे और कारतूस बरामद करने का दावा किया है। गिरफ्तार आरोपियों के नाम हैं- राम प्रताप भदौरिया उर्फ बोनी उर्फ राजन पुत्र बलबीर सिंह निवासी ग्राम नादरमई थाना अमापुर जनपद कांशीराम नगर और मनबीर सिंह बाहरा पुत्र नरेन्द्र सिंह निवासी भाई करन सिंह बिल्डिंग कीर्तनपुरी, कैथू शिमला। इनसे बरामद सामान 4 अदद राइफल, 30 बोर स्प्रिंग फील्ड बोल्ट एक्शन फैक्टरी मेड, 1000 कारतूस-315 बोर और 400 कारतूस 30 बोर, चार राइफल का एक अदद बोल्ट, सैन्ट्रो कार नंबर डीएल-2 सीडब्लू 9254, चार मोबाइल फोन, ड्राइविंग लाइसेन्स जो कि भानु प्रताप के नाम से बना है और फोटो राम प्रताप का लगा है एवं 15 एटीएम कार्ड हैं।
एसटीएफ के अनुसार पश्चिमी उत्तर प्रदेश और जनपद औरैया के आस-पास कुछ लोगों का संगठित गिरोह ग्वालियर एवं हिमाचल प्रदेश के आर्मस डीलरों के सहयोग से भारी मात्रा में राइफल और कारतूसों को पश्चिमी बंगाल में अवांछनीय तत्वों को तस्करी करता आ रहा है। इस सूचना पर एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विजय प्रकाश ने मनोज कुमार झा अपर पुलिस अधीक्षक को सक्रिय किया। मनोज कुमार झा ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में उप निरीक्षक धर्मेन्द्र यादव को और औरैया और उसके आस-पास उप निरीक्षक जय प्रकाश शर्मा लगाया। सूचना मिली कि विवेक वर्मा उर्फ कमल वर्मा निवासी औरैया, रामप्रताप उर्फ बोनी एवं मनबीर सिंह बाहरा किसी वाहन से लखनऊ से इलाहाबाद होते हुए पश्चिम बंगाल में अवैध असलहों एवं कारतूसों की खेप पहुंचाने जा रहे हैं। इस सूचना पर एसजीपीजीआई से आगे लखनऊ- इलाहाबाद रोड पर घेराबन्दी कर इन्हें सेंट्रो कार सहित पकड़ लिया गया। इस दौरान इनका एक साथी विवेक वर्मा फरार हो गया। तलाशी लेने पर कार में अगले दोनों गेट के पैनल के अन्दर बनायी गयी विशेष केविटी से कारतूसों के पैकेट और पिछली सीट के नीचे बनायी गयी विशेष केविटी से बाकी सब बरामद हुआ।
एसटीएफ के अनुसार गिरफ्तार राम प्रताप ने बताया कि वह लगभग दो-ढाई वर्ष से कमल वर्मा उर्फ विवेक वर्मा निवासी औरैया के साथ मिल कर ग्वालियर एवं शिमला से कारतूसों और असलहों को पश्चिम बंगाल में दादा एवं रघु नामक व्यक्ति को देता आ रहा है और इस अवधि में इन्होंने लगभग 30 बार असलहे और कारतूस तस्करी करके पहुंचाए हैं। ये असलहे ग्वालियर में शान गन हाउस जिसके मालिक अशोक अग्रवाल हैं एवं गिरफ्तार मनबीर जो कि शिमला में शस्त्र लाइसेन्स का डीलर है, से प्राप्त करते थे। मनबीर सिंह की हिमाचल प्रदेश में शस्त्र की 4 दुकाने हैं और ग्वालियर के शान गन हाउस के मालिक अशोक अग्रवाल से मिल कर दुकान के अस्त्र शस्त्र से संबंधित अभिलेखों में हेरा फेरी और फर्जी इन्द्राज कर असलहों एवं कारतूसों को कमल वर्मा उर्फ विवेक वर्मा को और राम प्रताप उर्फ राजन उर्फ बोनी को देते थे, जिन्हें अन्य राज्यों में अवांछनीय तत्वों को ऊंचे दामों पर बेच देते हैं। ये तीनों ये असलहे और कारतूस पश्चिम बंगाल में रघु को देने और अन्य असलहों का आर्डर लेने जा रहे थे।
इनसे पूछताछ से प्राप्त जानकारी के आधार पर एसटीएफ की फील्ड इकाई कानपुर ने स्थानीय पुलिस के सहयोग से औरैया में विवेक वर्मा के घर पर दबिश दी जिसमें उसके घर से 315 बोर की अवैध राइफल व उसकी मारुति वैन के दरवाजे के अंदर बनायी गयी विशेष केविटी से 375 बोर के 20 कारतूस बरामद हुए। इन सबकी गिरफ्तारी के संबंध में थाना मोहनलालगंज लखनऊ और औरैया में संबंधित धाराओं में मुकद्मा पंजीकृत कराया गया है।