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नई दिल्ली। वन एवं वन्यजीव पर्यावरण अनुकूल पर्यटन के संबंध में नियम और शर्तों को अंतिम रूप देने के लिए पूर्व पर्यटन सचिव की अध्यक्षता में एक सात सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। वन संरक्षण कानून, वन्य जीव संरक्षण और राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के सुझावों के मद्देनजर यह स्थिति दिशानिर्देशों को सख्त बनायेगी। इससे बाघ अभ्यारण के समीप लॉज और रिसार्टस के संबंध में पर्यटन मंत्रालय के अध्ययन का भी अवलोकन किया जायेगा। समिति ने अपना कार्य शुरू कर दिया है जो 45 दिनों में अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत करेगी। समिति के सदस्य हैं- डॉ दिव्यभानू सिंह चावड़ा, डॉ एजेटी जॉनसिंह और बिट्टू सहगल। ये तीनों राष्ट्रीय वन्यजीव समिति से हैं। आरएम रॉय कर्नाटक के पूर्व प्रमुख वन्य संरक्षक, डॉ प्रभाकर दुबे निदेशक पर्यावरण मंत्रालय, डॉ राजेश गोपाल अतिरिक्त प्रमुख वन्य संरक्षक और सदस्य सचिव राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण समिति के संयोजक बनाये गये हैं।