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नई दिल्ली। ऑटोमोबाइल उद्योग ने नववर्ष के दौरान देशभर में विद्युतीय चुंबकीय अनुकूलता मानदंडों वाले वाहन बाजार में उतारने का स्वागत किया है। विद्युत चुंबकीय अनुकूलता मानदंडों के अनुसार ऑटोमोबाइल उद्योग वर्ष 2011 से इन मानदंडों के अनुकूल वाहन बाजार में उतारेगा। ऑटोमोटिव इंडस्ट्री मानक समिति ने ये मानदंड जुलाई 2009 में प्रकाशित किए थे।
अहमद नगर स्थित विद्युत चुंबकीय अनुकूलता मानदंड टैक सेन्टर के संयुक्त निदेशक और कार्य प्रमुख जीआरएम राव के अनुसार सभी इलेक्ट्रिकल और चुम्बकीय उपकरण विद्युत चुंबकीय तरंग उत्पन्न करते हैं और आधुनिक ऑटोमोबाइलों में ऐसे उपकरण बहुत अधिक संख्या में होते हैं। इसके लिए ईएमसी जांच का प्रावधान किया गया है, जो दो भागों में होगी। यह जांच मूल रूप से यह सुनिश्चित करती है कि वाहन समग्र रूप से और अपने अलग-अलग पुर्जों के हिसाब से भी निर्धारित सीमा से अधिक विद्युत चुंबकीय तरंग उत्सर्जित न करे।
जीआरएम राव ने बताया कि देश में ईएमसी मानदंड, ईएमसी टैक सेंटर ने तैयार किए हैं। यूरोप में दो दशक पहले से ही ऐसे ईएमसी मानदंड मौजूद हैं, लेकिन भारत में यह बिल्कुल नया विचार है। भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा तेजी से बढ़ता ऑटोमोबाइल बाजार है। इन मानदंडों के लागू होने से यह वाहनों के मानकीकरण के क्षेत्र में मौजूद अन्तर को पाट सकेगा। अगले वर्ष के मध्य तक चेन्नई में भी ऐसे ही केन्द्र की स्थापना की जा रही है ताकि भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग की बढ़ती मांग पूरी की जा सके।