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देहरादून। मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने बुधवार को दून विश्वविद्यालय में उत्तराखण्ड अंतरिक्ष उपयोग केन्द्र, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन और उच्च शिक्षा विभाग के संयुक्त तत्वाधान में निर्मित उत्तराखण्ड एडुसेट नेटवर्क का उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री ने एडुसेट नेटवर्क के माध्यम से राजकीय पीजी कालेज पिथौरागढ़, ऋषिकेश, बेदीखाल पौड़ी, हल्द्वानी सहित नेटवर्क से जुडे़ कई कालेजों के शिक्षकों और छात्र-छात्राओं से सीधे वार्तालाप भी किया।
मुख्यमंत्री ने उद्घाटन समारोह में कहा कि उत्तराखण्ड अंतरिक्ष उपयोग केन्द्र प्रदेश में विकास एवं नियोजन कार्यो में अभूतपूर्व योगदान दे रहा है। एडुसेट नेटवर्क को एक क्रांतिकारी पहल बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे राज्य के सुदूरवर्ती एवं आंतरिक क्षेत्रों में रहने वाले छात्र-छात्राओं तक आधुनिक शिक्षा पहुंचायी जायेगी। टेलीएजुकेशन के जरिये राज्य के युवाओं को आधुनिक शिक्षा, उच्च शिक्षा, प्रतियोगी परीक्षाओं और उनकी तैयारी संबंधित जानकारी दी जा सकेगी और राज्य के सुदूरवर्ती क्षेत्रों में गुणवत्तापरक शिक्षा, ज्ञान सशक्तीकरण और प्रशिक्षण प्रदान किया जा सकेगा।
उन्होंने कहा कि इस नेटवर्क की सहायता से पंचायत ब्लॉक और जिला स्तर पर सामुदायिक प्रशिक्षण एवं क्षमता संवर्द्धन कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे। आपदा का अनुश्रवण और न्यूनीकरण कार्यक्रम भी प्रबंधित किया जा सकेगा। यह नेटवर्क सरकार के नये कार्यक्रमों की जानकारी सही समय पर आम आदमी तक पहुंचाने में भी सहायक होगा। इस अवसर पर कृषि मंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बताया कि इससे शिक्षकों को भी प्रशिक्षित किया जा सकेगा।
उत्तराखण्ड अंतरिक्ष उपयोग केन्द्र के निदेशक डॉ एमएम किमोठी ने बताया कि उद्घाटन समारोह में ही 25 कालेजों को नेटवर्क से जोड़ दिया गया है और इस कार्यक्रम के प्रथम चरण में 53 कालेजों को एडुसेट से जोड़ा जायेगा। इन कालेजों में मुनस्यारी, पुरोला और बेदीखाल जैसे सुदूरवर्ती एवं दुर्गम क्षेत्रों के कालेज भी सम्मिलित हैं, जिनके छात्र-छात्राओं को देहरादून से सम्बोधित किया जा सकेगा।
इस कार्यक्रम के अन्तर्गत उत्तराखण्ड अंतरिक्ष उपयोग केन्द्र और इसरो के सहयोग से मुख्य केंद्रीय हब और स्टूडियों की स्थापना दून विश्वविद्यालय परिसर में की गई है। उच्च शिक्षा विभाग की सहायता से राज्य के विभिन्न राजकीय कालेजों में उत्तराखण्ड एडुसेट नेटवर्क को स्थापित किया गया है। कार्यक्रम में मुख्य सचिव सुभाष कुमार उच्च शिक्षा विभाग के निदेशक एमसी त्रिवेदी, इसरो के आरएन गौड़ा सहित बड़ी संख्या में वैज्ञानिक, शिक्षाविद एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।