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नई दिल्ली। खान मंत्रालय ने केंद्रीय मंत्रियों, राज्य सरकारों, औद्योगिक संघों और गैर सरकारी संगठनों सहित सभी हितधारकों के साथ कई बैठकों में सलाह मश्वरे के बाद खान और खनिज (विकास और नियमन) विधेयक 2010 का एक प्रारूप तैयार किया है। विधेयक की विधि और न्याय मंत्रालय से जांच भी कराई गई है। यह विधेयक मौजूदा खान और खनिज (विकास एवं नियमन)अधिनियम 1957 का स्थान लेगा।
सरकार का दावा है कि विधेयक में खनन क्षेत्र में संपूर्ण सुधार की व्यवस्था है। इसमें टिकाऊ खनन और स्थानीय क्षेत्र विकास, विशेष रूप से खनन कार्य से प्रभावित परिवारों से संबंधित मामलों के समाधान का पर्याप्त प्रावधान किया गया है। विधेयक का उद्देश्य पारदर्शिता, इक्विटी, मनमानेपन की समाप्ति आदि के साथ-साथ अच्छी खनन प्रणालियों का प्रोत्साहन सुनिश्चित करना है। प्रारूप विधेयक इस समय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी की अध्यक्षता वाले मंत्री समूह के सामने विचाराधीन है।
खान मंत्रालय की ओर से जारी 2010 की समीक्षा में बताया गया है कि योजना आयोग की राष्ट्रीय खनन नीति की समीक्षा के लिए गठित उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट (2007) के आधार पर खनन क्षेत्र के लिए टिकाऊ विकास ढांचा (एसडीएफ) तैयार करने के लिए नियुक्त विशेषज्ञ सलाहकार ने खनन कार्य में परियोजना से प्रभावित लोगों के लिए विभिन्न पहलुओं पर विचार करते हुए एक प्रारूप दस्तावेज तैयार करके उसे मंत्रालय को प्रस्तुत किया है।
सरकार ने हाल ही में उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमबी शाह की अध्यक्षता में एक जांच आयोग गठित किया है, जो देश के अनेक राज्यों में बड़े पैमाने पर अनधिकृत खनन की जांच करेगा। आशा है कि यह आयोग अपनी पहली बैठक के बाद के 18 महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर देगा। समीक्षा के अनुसार रायल्टी दरों के संशोधन और रायल्टी की गणना के मार्ग- निर्देशों को सुव्यवस्थित करने के परिणामस्वरूप देश में प्रमुख खनिजों के लिए रायल्टी जहां वर्ष 2008-09 में 2319.21 करोड़ रूपये एकत्र हुई थी, वहां वर्ष 2009-10 में यह बढ़कर 3997.42 करोड़ रूपये हो गई है।
वर्ष 2010 कोयला उत्पादन के लिए बहुत महत्वपूर्ण रहा जिसके अंतर्गत कोयले के भंडार में उल्लेखनीय वृद्धि हुई। इस क्षेत्र में सुधार के लिए भी अनेक कदम उठाए गए इनमें कोयला ब्लॉक की प्रतिस्पर्द्धी बोली, कोयला उत्पादन क्षमता का विस्तार, कोल इंडिया लिमटेड के 10 प्रतिशत शेयर बेचना और अब तक का सबसे अधिक लिग्नाइट उत्पादन शामिल है।
खान मंत्रालय के अनुसार अनुबंधित खनन के लिए कोयला और लिग्नाइट ब्लॉक के आवंटन में ज्यादा पारदर्शिता लाने के लिए प्रतिस्पर्द्धी बोली की प्रक्रिया अपनाई गई। इसके लिए खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम, को संशोधित किया गया और सितंबर 2010 में यह प्रभावी हो गया। इस वर्ष बिजली उत्पादन बढ़ाने के लिए कोयले के लिंकेज में वृद्धि की गई। कोयले के भंडार की स्थिति में सुधार हुआ। दो नवंबर 2009 में 9.289 मीट्रिक टन की तुलना में थर्मल स्टेशन में कोयले का भंडार 2 नवंबर 2010 को 11.854 मीट्रिक टन हो गया।