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जनता ने नहीं चलने दी भू-माफिया की दबंगई

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नई दिल्ली। जब देश में जिसकी लाठी उसकी भैंस की कहावत चल रही है तब जनता भी कमर कस रही है। वह भी माफियाओं, गुंडों और प्रभावशाली लोगों के गलत कारनामों का सामना करने के लिए आगे आने लगी है। ऐसी ही घटना दिल्ली में अर्जुन नगर इलाके में देखने को मिली जब एक भूखंड पर जबरन कब्जा करने पहुंचे भू-माफिया को क्षेत्रवासियों ने एक जुट होकर वहां से भाग जाने को मजबूर कर दिया यह तब हुआ जब वहां के विधायक ने भी प्रत्यक्ष रूप से जनता का साथ देने में आनाकानी की।

जानकारी के अनुसार अर्जुन नगर में रविवार 26 दिसम्बर को कुछ भू-माफिया वहां एक प्लाट पर कब्जा करने के साथ-साथ वर्षों पुराने रास्ते पर भी कब्जा करना चाह रहे थे, इससे क्षेत्रवासियों में काफी आक्रोश था। किसी स्तर पर भी ध्यान नहीं दिए जाने के बाद क्षेत्रीय जनता अपने क्षेत्र के पार्षद शैलेन्द्र सिंह मोन्टी के साथ सड़क पर उतर आई और भू-माफिया के जबरन अवैध कब्जा करने के प्रयास को नाकाम कर दिया। भूखंड पर कब्जा करने का प्रयास करने वालों में आन्ध्र प्रदेश के एक सांसद के पुत्र भी हैं जिन्होंने एसएसओ पर अपनी पूरी दबंगई दिखाई जिससे एसएसओ तो पीछे हट गए मगर वहां रहने वाले नेशनल पैंथर्स पार्टी के महासचिव राजीव खोसला जौली, क्षेत्रीय पार्षद शैलेंद्र सिंह मोन्टी, अमरजीत सिंह, गुरविन्दर सिंह और क्षेत्रवासियों के जबरदस्त विरोध करने पर उन्हें पीछे हटना पड़ा।

भू-माफिया क्षेत्रवासियों को अपने पक्ष में एक हज़ार गज के प्लाट की रजिस्ट्री दिखा रहा था और रास्ते समेत तकरीबन चार हज़ार गज जमीन पर कब्जा करना चाह रहा था। क्षेत्र के पटवारी जय भगवान ने बताया कि संबंधित खसरा नंबर 48/3 डीडीए ने अधिग्रहीत किया हुआ है और जो वह रजिस्ट्री दिखा रहा है वह बोगस है। राजीव खोसला और क्षेत्रवासियों ने क्षेत्रीय विधायिका किरण वालिया को घटना के बारे में बताया, मगर वह मौके पर नहीं पहुंच पाईं तब पूरे क्षेत्रवासियों ने एकजुट होकर भू-माफिया का मुकाबला किया। पैंथर्स पार्टी ने इसकी सूचना उपराज्यपाल, पुलिस कमिश्नर, डीसीपी और मुख्यमंत्री को भी दी है। उस रविवार को रात को मीडिया को भी सूचित करने से पुलिस हरकत में आयी जिसके परिणाम स्वरूप पुलिस भू-माफियों को अपनी जिप्सी में बिठाकर ले गई।

इस मौके पर सभी क्षेत्रवासियों ने इकट्ठे होकर वर्षों पुराने रास्ते को ही नहीं बल्कि एक डीडीए के प्लाट को भी भू-माफिया से बचाने में सफलता हासिल की। इसी रास्ते से 2008 में मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने अर्जुन नगर में एक सामुदायिक भवन का उद्घाटन किया था, जो अभी तक शुरू भी नहीं हुआ और उस रास्ते पर भू-माफिया कब्जा करने पहुंच गए। राजीव खोसला ने कहा है कि रजिस्ट्रार आफिस से रजिस्ट्री होते वक्त रजिस्ट्रार की यह जिम्मेदारी होती है कि वह खसरा नम्बर और प्लाट संख्या की अच्छी तरह जांच कराए, ताकि कोई नकली रजिस्ट्री न हो सके, फिर भी आए दिन ऐसी रजिस्ट्री सामने आती रहती हैं। उन्होंने कहा कि यह सब नाजायज काम अक्सर शनिवार और रविवार को ही होते हैं।

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