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नई दिल्ली। वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने विभिन्न व्यापार संघ समूहों के साथ बैठक कर आम बजट 2011-12 के लिए उनके विचार जाने। बजट पूर्व परामर्श बैठकों की श्रृंखला में विभिन्न क्षेत्रों के हितधारकों के साथ वित्त मंत्री की यह तीसरी बैठक थी। पहली बैठक 7 जनवरी 2011 को कृषि क्षेत्र के हितधारकों के साथ और दूसरी बुधवार को भारतीय उद्योग के प्रमुख उद्यमियों के साथ की गई थी। व्यापार संघों के प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि रोजगार अवसरों में बढ़ोत्तरी एक विस्तृत विकास प्रक्रिया को सुनिश्चित करने के लिए अत्यावश्यक है। व्यापार संघ इस क्षेत्र में सरकार को विकास के लिए अपनी राय दें।
मुखर्जी ने दावा किया कि वैश्विक आर्थिक संकट से उभरकर अब भारत की अर्थव्यवस्था सुदृढ़ हो चुकी है और कहा कि देश के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती आर्थिक विकास की आवश्यकता, संसाधनों की निरंतरता, प्राकृतिक आवास, सुविधाहीन और कमजोर वर्गों को मुख्यधारा में शामिल करने के लिए उनके लिए अवसरों के साथ तालमेल बैठाना है। उन्होंने कहा कि हमें युवा भारत की बढ़ती आकांक्षाओं के संबंध में बातचीत करनी चाहिए।
वित्त मंत्री ने कहा कि हमे समग्र विकास सहित सतत उच्च विकास दर की भी आवश्यकता है, इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए केंद्र सरकार ने त्वरित विकास को ध्यान में रखते हुए एक बहु-उद्देश्यीय रणनीति तैयार की है, जोकि रोजगार के अवसर उपलब्ध कराएगी, स्वास्थ्य एवं शिक्षा सेवाओं की पहुंच आसान बनाएगी और शिक्षा एवं कौशल के माध्यम से सुदृढ़ता प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार योजना, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, भारत निर्माण, जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीनीकरण योजना सरकार की कुछ ऐसी योजनाएं हैं, जिन्होंने पिछड़े वर्गों की आवश्यकताओं को पूरा करने में सहायता प्रदान की है।
वित्त मंत्री ने कहा कि समाज कल्याण और विकास कार्यक्रमों के कार्यान्वयन के लिए ठोस सुधार करने होंगे। भारत इस मामले में फायदे की स्थिति में है कि यहां युवा जनसंख्या बहुत अधिक है, लेकिन इसका लाभ तभी सुनिश्चित किया जा सकेगा, जब रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और स्वस्थ एवं शिक्षित श्रम शक्ति में आवश्यक कौशल उपलब्ध होंगे। राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन ने एक व्यापक कौशल विकास कार्यक्रम तैयार किया है जो कि वर्ष 2022 तक पूरे देश में 50 करोड़ कुशल व्यक्ति तैयार करेगा, इससे उद्योगों की आवश्यकता के अनुसार और युवाओं के लिए रोजगार अवसर उपलब्ध हो सकेंगे। उन्होंने बताया कि वे अपने बजट में गरीबी उन्मूलन कार्यक्रमों के लिए बजट आवंटन में विशेष बढ़ोत्तरी कर रहे हैं। मुखर्जी ने कहा कि लेबर ब्यूरो की जुलाई-सितम्बर 2010 के लिए जारी की गई तिमाही रिपोर्ट में रोजगार में सतत विकास दिखाया गया है। कपड़ा क्षेत्र, आईटी/बीपीओ क्षेत्र, ऑटोमोबाइल क्षेत्र और धातु उद्योग में रोजगार में उचित विकास देखा गया है।