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नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस परेड में राजपथ के ऊपर लड़ाकू, परिवहन और हेलिकॉप्टरों के 28 विमानों का फ्लाइ पास्ट करते हुए भारतीय वायु सेना पुराने सैन्य मूल्यों के एक आधुनिक, सक्षम और दक्ष सेना के रूप में उसके बदलाव को प्रदर्शित करेगी। नेटवर्क केंद्रित संचालन भारतीय वायु सेना का मूल लक्ष्य है। वायु सेना को जागरूकता से युक्त नेतृत्व प्रदान करने के लिए सेंसरों और महत्वपूर्ण क्षमताओं का संयोजन शामिल है। इससे कमान और नियंत्रण मजबूत होने के साथ ही निर्णय प्रक्रिया बेहतर होती है।
वायुसेना के अनुसार परेड में आकाश को चीरते सुखोई-30 एमकेआई के स्केल मॉडल और एकटक आकाश की ओर ठहरी आंखें, एक उपग्रह और एक अवॉक्स मुख्य आकर्षण होंगे। इसमें वायु सेना नेटवर्क के सिचुएशन बोर्ड की छवि और सतह से वायु में मिसाइल की फायरिंग के बल पर भारतीय वायुसेना के टेबलॉक्स के सेंसरों और क्षमताओं के संयोजन का चित्रण होता है।
भारतीय वायु सेना ने 60 से लेकर 500 मीटर तक की ऊंचाई में अपनी फ्लाइ पास्ट और पक्षियों के टकराने से जुड़ी चिंताओं को ध्यान में रखते हुए दिल्ली और इसके आसपास के नागरिकों से इस बात की अपील की है कि वे अपने इलाके को साफ-सुथरा रखें और खाद्य पदार्थों, कचरों, मरे हुए पशुओं या उनके अंगों को 26 जनवरी तक सभी दिनों में खुले क्षेत्र में फेंकने से बचें। दिल्ली के जिम्मेदार नागरिकों से यह भी आग्रह किया गया है कि यदि कहीं खुले क्षेत्र में मरे हुए जीव दिखाई पड़ें तो वे इस बारे में निकटवर्ती वायु सेना इकाई या थाने को जानकारी दें। पालम, नजफगढ़ नाला, तिहाड़ जेल, युद्ध समाधि स्थल और राष्ट्रपति भवन के आसपास के क्षेत्र इस रूट में आने वाले अतिसंवेदनशील क्षेत्रों में शामिल हैं।