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Friday 29 March 2013 01:44:05 PM
देहरादून। मुख्य सचिव आलोक कुमार जैन ने शहरी विकास विभाग से जुड़े सभी विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि नियोजित शहरी विकास के लिए योजनाओं को तैयार करते समय पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखा जाए। उन्होंने कहा कि योजनाएं इस तरह से बनाई जाएं कि उनमें विवाद की स्थिति न बने। इससे समय से योजनाएं पूरी हो सकेंगी। उन्होंने बताया कि देहरादून में सिटी पार्क बनाने के लिए 36 एकड़ जमीन चिंहित की गई है।
मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि देहरादून-मसूरी एवं प्रदेश के अन्य शहरी क्षेत्रों में पार्किंग स्थलों के लिए उपयुक्त स्थलों का चयन किया जाए, जिसमें विवाद की गुजाइंश न हो और आमजन को पार्किंग सुविधा आसानी से सुलभ हो सके। देहरादून-मसूरी, हल्द्वानी, हरिद्वार तथा अन्य शहरी क्षेत्रों में पार्किंग स्थलों के लिए सरकारी भूमि का ही चयन किया जाए, यदि निजी भूमि की आवश्यकता पड़ती है, तो निजी भूमि मालिकों की भी योजना में सहभागिता सुनिश्चित की जाए। पब्लिक प्राईवेट पार्टनरशिप में उन्हें भी लाभ में शामिल किया जाए। देहरादून की सड़कों की मरम्मत एवं डामरीकरण का कार्य त्वरित गति से पूर्ण किया जाए। इस संबंध में संबंधित अधिकारियों ने बताया कि कि जून तक सड़कों का कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा।
मुख्य सचिव ने देहरादून मसूरी में पार्किंग, पेयजल एवं सीवरेज व्यवस्था को ठीक करने के निर्देश दिए। पानी की बर्बादी को रोकने के लिए वाटर मीटर लगाने के लिए योजना बनाकर मूर्तरूप देने को कहा, इससे 40 प्रतिशत पानी की बर्बादी स्वतः रूक जाएगी। उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों में प्रतिदिन के कूड़ा कचरा हटाने एवं कूड़ा प्रबंधन के लिए ठोस कार्य योजना बनाई जाए। उन्होंने शहरी विकास विभाग के अधिकारियों को भी दिशा निर्देश दिए। बैठक में प्रमुख सचिव राकेश शर्मा, सचिव शहरी विकास एमएच खान, सचिव मुख्यमंत्री भास्करानंद, उपाध्यक्ष एमडीडीएआर मीनाक्षी सुंदरम, जिलाधिकारी देहरादून बीबीआरसी पुरूषोत्तम सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।