स्वतंत्र आवाज़
word map

'एम्स लाखों रोगियों के लिए आशा का प्रतीक'

'भारत में स्वास्थ्य सेवा और चिकित्सा शिक्षा का अनुकरणीय मॉडल'

राष्ट्रपति ने एम्स के 49वें दीक्षांत समारोह में मेधावियों किया सम्मानित

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 22 March 2025 01:45:24 PM

president honored meritorious students in aiims convocation

नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान-एम्स दिल्ली के 49वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा हैकि एम्स लाखों रोगियों केलिए आशा का प्रतीक है, जो अक्सर दूर-दूर से इलाज केलिए यहां आते हैं, इसके संकाय, पैरामेडिक्स और गैर चिकित्सा कर्मचारियों की मदद से वंचितों और विशेषाधिकार प्राप्त लोगों का समान समर्पण और सहानुभूति केसाथ इलाज करते हैं। उन्होंने कहाकि एम्स ने स्वास्थ्य सेवा और चिकित्सा शिक्षा में गुणवत्तापूर्ण मानक स्थापित किए हैं, यहां से स्नातक डॉक्टर और शोधकर्ता हमारी स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को मजबूत करने एवं समर्पण केसाथ राष्ट्र की सेवा करने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने कहाकि एम्स गीता के कर्मयोग की चलती हुई प्रयोगशाला है, एम्स ने न केवल राष्ट्रीय स्तर, बल्कि वैश्विक स्तरपर भी स्वास्थ्य सेवा में उल्लेखनीय भूमिका निभाई है, यह वास्तव में एक गौरवपूर्ण मेड इन इंडिया सफलता की कहानी है और देश में अनुकरणीय मॉडल है। उन्होंने कहाकि एम्स भारत में स्वास्थ्य सेवा और चिकित्सा शिक्षा में निर्मित एक गौरवशाली सफलता की कहानी है और अपने अस्तित्व के 69 वर्ष में ब्रांड एम्स मूल्यों केप्रति अपनी प्रतिबद्धता के कारण समय की कसौटी पर खरा उतरा है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि यह विशेष रूपसे कोविड-19 महामारी के समय में मार्ग दिखाने वाले अनुसंधान में सबसे आगे रहा है। उन्होंने कहाकि एम्स की जिम्मेदारी स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और अनुसंधान से परे है, यह एक ऐसा माहौल बनाने तक फैली हुई है, जहां हर हितधारक की आवाज़ सुनी जाती है, जहां संसाधनों का विवेकपूर्ण ढंग से उपयोग किया जाता है और जहां उत्कृष्टता आदर्श है। राष्ट्रपति ने स्वास्थ्य सेवा में चुनौतियों को रेखांकित करते हुए जोर दियाकि स्वास्थ्य सेवा में प्रगति केसाथ जीवन प्रत्याशा बढ़ रही है, नतीजतन वृद्ध लोगों की संख्या बढ़ रही है, जिससे इस क्षेत्रमें नई चुनौतियां सामने आ रही हैं, इसके साथही चिकित्सा पेशा आधुनिक समय में जीवनशैली में बदलाव के कारण उत्पन्न होनेवाली बीमारियों से जूझ रहा है। उन्होंने एम्स दिल्ली के संकाय से मानसिक स्वास्थ्य पर जागरुकता अभियान शुरू करने को कहा है, ताकि लोगों को इस छिपी हुई बीमारी के बारेमें जागरुक किया जा सके। राष्ट्रपति ने कहाकि आधुनिक चिकित्सा किसी निष्कर्ष पर पहुंचने केलिए अल्पकालिक प्रयोग करती है, जबकि आयुर्वेद, योग और चिकित्सा की कई पारंपरिक प्रणालियां मानव स्वास्थ्य केलिए दीर्घकालिक और समग्र दृष्टिकोण अपनाती हैं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने स्वास्थ्य संबंधी मामलों से निपटने में आधुनिकता और परंपरा का मिश्रण पेश करने हेतु भारत की प्राचीन स्वास्थ्य उपचार पद्धतियों को अपनाने केलिए एम्स दिल्ली की सराहना की। उन्होंने एम्स का स्वास्थ्य सेवा प्रोटोकॉल में लैंगिक समानता लाने केलिए अभियान शुरू करने का आह्वान किया, क्योंकि यह देखा गया हैकि हृदय रोग और दूसरी अन्य बीमारियों से पीड़ित अधिकांश रोगी मुख्य रूपसे पुरुष हैं। राष्ट्रपति ने छात्रों और अभिभावकों को उनके अथक त्याग, कड़ी मेहनत और अनुशासन केलिए बधाई देते हुए अपना संबोधन समाप्त किया। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने कहाकि निरंतर सीखने और विकास केप्रति प्रतिबद्धता ने एम्स दिल्ली को एक ऐसे मुकाम पर पहुंचाया है, जहां यह 2018 से चिकित्सा श्रेणी में एनआईआरएफ रैंकिंग में शीर्ष स्थान पर है। उन्होंने कहाकि एम्स ने देश की स्वास्थ्य सेवा से जुड़ी ज़रूरतों को पूरा करने केलिए अपनी क्षमताओं का लगातार विस्तार किया है। जेपी नड्डा ने कहाकि एम्स ने खुदको एआई संचालित डायग्नोस्टिक्स और रोबोटिक सर्जरी प्रशिक्षण में अग्रणी के रूपमें स्थापित किया है, यह भारत का पहला चिकित्सा संस्थान है, जहां दोहरी किडनी ट्रांसप्लांट और रीनल ऑटो ट्रांसप्लांट सहित कई ग्राउंड ब्रेकिंग प्रक्रियाएं की गई हैं।
स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने कहाकि अनुसंधान केप्रति एम्स संस्थान की प्रतिबद्धता पर्याप्त वित्तीय पोषण केसाथ 900 से अधिक बाह्य परियोजनाओं के प्रबंधन में साफ दिखती है। उन्होंने कहाकि एम्स दिल्ली ने मशीनीकृत सफाई, अपने सफाई कर्मचारियों को अपस्किलिंग और रीस्किलिंग आदि जैसी पहल करके कायाकल्प पुरस्कारों में लगातार प्रथम रैंक हासिल करने में कामयाबी हासिल की है। स्वास्थ्य मंत्री ने स्नातकों को देश में स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को प्रभावी ढंग से और बेहतर बनाने केलिए एम्स जैसे प्रमुख संस्थान में अर्जित अपनी प्रतिभा, कौशल और ज्ञान को लागू करने केलिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने छात्रों से आग्रह कियाकि अगर उन्हें देश में नवस्थापित एम्स और तृतीयक देखभाल संस्थानों में सेवा करने का मौका मिले तो वे एम्स दिल्ली की कार्यनीति और संस्कृति को वहां भी अपनाएं। उन्होंने कहाकि एम्स में उनकी शिक्षा ने उनको न केवल उनके चुने हुए क्षेत्रोंमें उत्कृष्टता प्राप्त करने केलिए ज़रूरी ज्ञान और कौशल प्रदान किया है, बल्कि सहानुभूति, ईमानदारी और सेवा के मूल्यों से भी लैस किया है, ये मूल मूल्य उनके मार्गदर्शक सिद्धांतों के रूपमें काम करेंगे, क्योंकि वे चिकित्सा पेशे की जटिलताओं को समझते हैं और उन लोगों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डालने की कोशिश करते हैं, जो उनके क्षेत्रमें अपनी समस्याएं लेकर आते हैं।
जेपी नड्डा ने स्नातकों को नवाचार और सहयोग की भावना अपनाने केलिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहाकि चिकित्सा विज्ञान और प्रौद्योगिकी में प्रगति, स्वास्थ्य सेवा क्षेत्रमें क्रांति ला रही है और विभिन्न विधाओं केबीच साझेदारी और आजीवन सीखने के जुनून से ही हम अपने समय के दबाव वाले स्वास्थ्य मुद्दों को प्रभावी ढंग से संबोधित कर सकते हैं। एम्स के दीक्षांत समारोह में विभिन्न विषयों में मेधावी स्नातकों को 1886 उपाधियां प्रदान की गईं, जिनमें से 77 पीएचडी स्कॉलर, 363 डीएम/ एमसीएच विशेषज्ञ, 572 एमडी, 76 एमएस, 49 एमडीएस, 74 फेलोशिप, 172 एमएससी, 191 एमबीबीएस और 312 बीएससी थीं। एम्स में सराहनीय सेवाओं केलिए 8 डॉक्टरों को लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड दिया गया, 28 छात्रों और डॉक्टरों को पदक और पुस्तक पुरस्कार मिले। नौ को प्रशंसा पुरस्कार दिए गए। एम्स ने दो साल में अपने बुनियादी ढांचे और स्वास्थ्य सेवाओं के संबंध में काफी प्रगति की है। नए अवतार में संस्थान में 4000 से अधिक इनपेशेंट बेड हैं, जहां करीब 48 लाख ओपीडी रोगियों का इलाज होता है और हर साल 3.2 लाख इनपेशेंट भर्ती होते हैं। एम्स ने अपनी सर्जिकल क्षमता में भी 50 प्रतिशत की वृद्धि की है, जहां अब सालाना करीब 2.80 लाख सर्जरी होती हैं, जिनमें से कई अत्यधिक जटिल होती हैं। एम्स में बिस्तर क्षमता में 34 प्रतिशत का विस्तार किया गया है और प्रौद्योगिकी व संसाधनों के कुशल प्रबंधन के ज़रिए सर्जिकल और डायग्नोस्टिक सुविधाओं में भी सुधार हुआ है।
एम्स ने एम्स-एसबीआई स्मार्ट कार्ड, साहस (एम्स मानव संसाधन और लेखा सेवाओं केलिए प्रणाली) और संतोष शिकायत निवारण पोर्टल सहित पथप्रदर्शक डिजिटल स्वास्थ्य सेवा पहलों की भी शुरूआत की है, जिससे अस्पताल प्रशासन में पारदर्शिता और दक्षता के युग की शुरुआत हुई है। गौरतलब हैकि भारत सरकार ने एम्स को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग केलिए उत्कृष्टता केंद्र घोषित किया है, जबकि सेंटर फॉर मेडिकल इनोवेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप (सीएमआईई), पुनर्योजी चिकित्सा और चिकित्सा उपकरणों केसाथ-साथ ऐप आधारित स्वास्थ्य सेवा समाधानों पर काम करनेवाले 24 हेल्थकेयर स्टार्टअप का पोषण कर रहा है। एम्स दिल्ली ने भारत और विदेशों में प्रमुख चिकित्सा संस्थानों केसाथ मजबूत सहयोग बनाया है। सशस्त्र बल चिकित्सा सेवाओं के समर्थन से एम्स उच्च ऊंचाई, एयरोस्पेस और समुद्री चिकित्सा में अनुसंधान को बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। आईआईएससी बेंगलुरु, आईआईटी मद्रास, सीसीएमबी और सीएसआईआर-एनआईआईएसटी और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और क्लिनिकम डेर यूनिवर्सिटेट म्यूनिख जर्मनी जैसे अंतर्राष्ट्रीय निकायों केसाथ अंतर संस्थागत अनुसंधान संबंधों का भी विस्तार हुआ है। दीक्षांत समारोह में एम्स दिल्ली के निदेशक प्रोफेसर एमएन श्रीनिवास, एम्स दिल्ली के डीन डॉ कौशल कुमार वर्मा, एम्स दिल्ली के रजिस्ट्रार प्रोफेसर गिरिजा प्रसाद रथ, संकाय सदस्य और बड़ी संख्या में छात्र उपस्थित थे।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]