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Saturday 16 November 2019 01:50:43 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सीआरपीएफ मुख्यालय नई दिल्ली में सीआरपीएफ की कार्यप्रणाली की समीक्षा की। इस संबंध में सीआरपीएफ के महानिदेशक राजीव राय भटनागर ने एक विस्तृत प्रजेंटेशन प्रस्तुत किया। इस अवसर पर मंत्रालय के साथ-साथ सीआरपीएफ के उच्चाधिकारी भी मौजूद थे। केंद्रीय गृहमंत्री के रूपमें अमित शाह के कार्यभार ग्रहण करने के पश्चात सीआरपीएफ मुख्यालय का उनका पहला दौरा था। वहां उन्हें सेरिमोनियल गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। उसके बाद उन्हें मुख्यालय द्वार पर स्थित गुजरात की ऐतिहासिक सरदार पोस्ट, जहां सन् 1965 में पाकिस्तानी सेना की एक पूरी ब्रिगेड के हमले को सीआरपीएफ की मात्र 2 कम्पनियों ने विफल करते हुए उसे खदेड़ दिया, वहां की पवित्र मिट्टी पर पुष्पगुच्छ अर्पित किया गया।
गृहमंत्री अमित शाह को ‘शौर्य एवं हैरिटेज गैलरी’ की लॉबी का अवलोकन कराया गया और उन्हें सीआरपीएफ के इतिहास और उसके सदस्यों की वीरता के बारे में जानकारियां दी गईं। गृहमंत्री लगभग दो घंटे सीआरपीएफ के अधिकारियों के साथ रहे। गृहमंत्री को सीआरपीएफ एवं उसके विशेष बलों के संगठनात्मक ढांचे के बारे में भी बताया गया। जम्मू-कश्मीर में वर्तमान स्थिति एवं सीआरपीएफ की मूलभूत एवं अन्य साजो-सामान की आवश्यकताओं के बारे में चर्चा की गई। गृहमंत्री ने निर्देश दिया कि आतंकवादी के खिलाफ और भी ज्यादा प्रभावी कार्रवाई की जाए तथा कानून एवं व्यवस्था को बनाए रखा जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि खेलकूद एवं टूर के अलावा नागरिक सहायता कार्यक्रमों को भी चलाया जाए। उन्होंने कहा कि सीआरपीएफ को चाहिए कि वह ग्रामीणों तक जाए और उन्हें केंद्र सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लाभों को प्राप्त करने में उनकी सहायता करे, जवानों को भी जाड़े से बचाव के लिए उन्हें जरूरी सामान मुहैया कराया जाए।
गृहमंत्री अमित शाह ने सभी क्षेत्रों में सीआरपीएफ के प्रदर्शन की जोरदार सराहना की। माओवाद प्रभावित राज्यों की स्थिति एवं वहां सीआरपीएफ कैम्पों की मूलभूत आवश्यकताओं में सुधार लाने तथा आईईडी से निपटने के उपायों के बारे में भी उन्होंने चर्चा की। गृहमंत्री ने सीआरपीएफ से कहा कि वह अगले 6 महीने में वामपंथ उग्रवाद के विरुद्ध निर्णायक एवं प्रभावी अभियान चलाए, इसी प्रकार नगरीय माओवादियों एवं उनके मददगारों के विरुद्ध भी कार्रवाई किए जाने की आवश्यकता है। गृहमंत्री ने जोर दिया कि वामपंथ उग्रवादग्रस्त क्षेत्रों में सड़कों एवं चिकित्सा सुविधाओं को और अधिक बेहतर बनाया जाए। गृहमंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि जवानों एवं उनके परिवारों के स्वास्थ्य का भी ध्यान रखा जाए, इसके लिए डिजिटल हेल्थ कार्ड बनाया जाए तथा उनके परिवारों के स्वास्थ्य की जांच भी नियमित समय के अंतराल पर की जाए। गृहमंत्री ने कहा कि वरिष्ठ अधिकारी शहीदों के परिवारों से मिलने जाएं तथा उनके साथ कुछ समय बिताएं, ताकि वे उनकी आवश्यकताओं एवं समस्याओं को समझकर उसका निदान कर सकें।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि सैनिकों के परिवारों एवं उनकी प्राथमिक जरूरतों और शिकायतों का एक डाटा रखा जाए, ताकि उनका सही ढंग से निदान हो पाए। उन्होंने कठिन क्षेत्रों में जवानों की कड़ी एवं लंबी तैनाती पर उपायों पर चर्चा की, जिनसे उन्हें राहत मिले तथा परिवारों के साथ रहने का अवसर मिल सके। उन्होंने निर्देश दिया कि सीआरपीएफ भवनों के बुनियादी ढांचे, आवासीय भवनों, सीआरपीएफ के विभिन्न ड्यूटी स्थानों एवं और अधिक क्वार्टरों का निर्माण कराया जाए। उन्होंने निर्देश दिया कि परिचालनिक उद्देश्यों के लिए आवश्यक आधुनिकतम तकनीक एवं उन्नत साजों-सामान प्रयोग में लाया जाए। उन्होंने मेक इन इंडिया पर जोर देते हुए सीआरपीएफ का आह्वान किया कि वह खादी हथकरघा उत्पादों का प्रयोग करे। उन्होंने सीआरपीएफ के शौर्य एवं बलिदानों को बार-बार दोहराया। उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों से कहा कि वे अपने कनिष्ठों और जवानों से संवाद बनाए रखते हुए उनकी समस्याओं को हल करने में भी सहायक बनें।